एनडीटीवी के मालिकों पर सीबीआइ का छापा
सीबीआइ ने काले धन के इस्तेमाल के आरोप में निजी चैनल एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : सीबीआइ ने आइसीआइसीआइ बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगाने और कर्ज चुकाने के लिए शेल (मुखौटा) कंपनियों के मार्फत करोड़ों रुपये के काले धन के इस्तेमाल के आरोप में निजी चैनल एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। जांच एजेंसी ने यह एफआइआर क्वांटम सिक्यूरिटीज के निदेशक और एनडीटीवी के पूर्व कर्मी संजय दत्त की शिकायत के आधार पर दर्ज की है।
सीबीआइ ने सोमवार को प्रणय, राधिका और एनडीटीवी के दिल्ली व देहरादून स्थित चार ठिकानों पर छापे मारे। एनडीटीवी ने इन छापों को जानबूझकर परेशान करने की कार्रवाई करार दिया है। यह है आरोपआरोप है कि प्रणय और राधिका ने एनडीटीवी के अधिकांश शेयरों पर कब्जे के लिए एक तीसरी कंपनी को शेयर बेचने का फैसला किया। यह कंपनी भी राधिका रॉय प्रणय रॉय होल्डिंग्स के नाम से उनकी ही थी। चूंकि एनडीटीवी शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी है, इसीलिए इसकी जानकारी सेबी और स्टॉक एक्सचेंज को देना जरूरी था। लेकिन यह जानकारी नहीं दी गई। यही नहीं, ये शेयर खरीदने के लिए पहले इंडिया बुल्स से 2007 में 439 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया। बाद में इंडिया बुल्स का कर्ज लौटाने के लिए आइसीआइसीआइ बैंक से 375 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया।
बैंक ने 375 करोड़ का कर्ज 350 करोड़ में सुलटायाआइसीआइसीआइ बैंक ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए एनडीटीवी के ही शेयरों को गिरवी रखने के एवज में यह कर्ज दिया था। कर्ज 19 फीसद के ब्याज पर दिया गया था, लेकिन बैंक ने केवल 350 करोड़ रुपये लेकर ही इसे सुलटा दिया। इस तरह आइसीआइसीआइ बैंक को ब्याज और मूल मिलाकर कुल 48 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आइसीआइसीआइ बैंक को हुए घाटे की जांच तो होगी ही, साथ उसे चुकाने के लिए जिस तरह से रकम जुटाई गई वह भी जांच के घेरे में है।
आरोप है कि आइसीआइसीआइ का कर्ज चुकाने से पहले राधिका रॉय प्रणय रॉय होल्डिंग्स के खाते में कुल ४०३ करोड़ रुपये आए थे। यह रकम करीब आधा दर्जन मुखौटा कंपनियों के माध्यम से घुमाकर लाई गई थी। बताया जाता है कि इन कंपनियों का कोई कारोबार नहीं है। हैरानी की बात यह है कि इसमें से भी आइसीआइसीआइ को केवल 350 करोड़ रुपये दिया गया और बाकी के पैसे प्रणय रॉय के निजी खाते में चले गए। सीबीआइ यह भी पता लगाने की कोशिश करेगी कि 403 करोड़ रुपये का असली मालिक कौन है? और, कहीं यह काला धन तो नहीं है, जिसे सफेद बनाकर कर्ज चुकाने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
छापे मीडिया को खामोश करने की कोशिश
एनडीटीवीएनडीटीवी ने अपने मालिकों पर छापे को दुर्भावनापूर्ण और प्रेस की आजादी पर सियासी हमला करार दिया है। चैनल ने एक बयान में कहा, 'सत्तारूढ़ दल के नेताओं को एनडीटीवी टीम की आजादी और निडरता पच नहीं रही है। सीबीआइ के छापे मीडिया को खामोश करने की एक और कोशिश है।'