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रोजवैली घोटाले की अांच अभिनेता शाहरुख खान व अभिनेत्री जूही चावला तक

2014 से पहले केकेआर टीम के खिलाड़ी जो जर्सी पहने थे उस पर रोजवैली का लोगो इस्तेमाल होता था।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Fri, 13 Jan 2017 08:40 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jan 2017 05:30 AM (IST)
रोजवैली घोटाले की अांच अभिनेता शाहरुख खान व अभिनेत्री जूही चावला तक
रोजवैली घोटाले की अांच अभिनेता शाहरुख खान व अभिनेत्री जूही चावला तक

जागरण संवाददाता, कोलकाता। रोजवैली चिटफंड घोटाले में अब आइपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) का नाम भी सामने आ रहा है। इस जांच के दौरान सीबीआइ को जानकारी मिली है कि रोजवैली व अभिनेता शाहरुख खान-जूही चावला के मालिकाना वाले केकेआर के बीच एक करार हुआ था।

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2014 से पहले केकेआर टीम के खिलाड़ी जो जर्सी पहने थे उस पर रोजवैली का लोगो इस्तेमाल होता था। इस करार के बाद दोनों के बीच मोटी रकम का आर्थिक लेनदेन भी हुआ था। पर इस करार से पहले रोजवैली प्रमुख गौतम कुंडू के साथ एक प्रभावशाली व्यक्ति की बैठक हुई थी।

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प्रभावशाली की भूमिका की जांच हो रही है। रोजवैली ग्र्रुप कोलकाता नाइट राइडर्स का को-स्पांसर था। रोजवैली के रिसोर्ट का विज्ञापन शाहरुख खान करते थे। इसके अलावे केकेआर के होमग्र्राउंड पर नाइट राइर्डस के मैच के दोरान 25 सीट वाली कार्पोरेट बॉक्स भी तैयार किया था। इससे पहले रोजवैली मामले में केकेआर के एक उच्च अधिकारी के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ की थी।


गौरतलब है कि हाल ही में रोजवैली मामले में सीबीआइ ने तृणमूल सांसद तापस पाल व सुदीप बंद्योपाध्याय को गिरफ्तार किया है। इन दोनों से हुई पूछताछ में सीबीआइ को एक के बाद एक कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लग रही है। इसी छानबीन में अब रोजवैली के साथ केकेआर के संपर्क का भी खुलासा हुआ है।

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केकेआर का को-स्पांसर था रोजवैली

सीबीआइ से पहले प्रवर्तन निदेशालय की जांच में भी पता चला था केकेआर में को-स्पांसर के तौर पर रोजवैली ने करोड़ों रुपये निवेश किया था। मार्च 2015 में जांच के दौरान ईडी को पता चला था कि आइपीएल की टीम केकेआर में रोजवैली की तरफ से गौतम कुंडू ने टीम के सह मालिक शाहरुख खान से समझौता कर इस टीम को को-स्पांसर (सह-प्रायोजक) किया था। जिसके लिए केकेआर को मोटी राशि दी थी।

क्या है रोजवैली घोटाला

-रोजवैली ने आम जनता से करीब 17,000 करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं।
-कंपनी के मालिक गौतम कुंडू त्रिपुरा के रहने वाले हैं।
-रोजवैली कंपनी पर आरोप है उसने सेबी की अनुमति के बिना 2011 से 2013 के बीच अवैध तरीके से लोगों से पैसा इकट्ठा किया। उसने लोगों को ज्यादा रिटर्न देने का वादा किया था। रोजवैली घोटाले के इतने व्यापक होने की एक और वजह भी है। रोजवैली समूह के चैयरमैन गौतम कुंडू का करोबार बंगाल सहित कम से कम 10 राज्यों में फैला हुआ था।

-यह समूह फिल्म और मीडिया के व्यवसाय में भी था। इसका अपना फिल्म डिवीजन था, जिसने मोनेर मानुष फिल्म का निर्माण किया था। इसका बांग्ला में मनोरंजन और न्यूज चैनल है, जो बंगाल और असम में लोकप्रिय है।
-रोजवैली पर आरोप है कि इसने गैर कानूनी तरीके से पैसे इकट्ठा किए हैं और उसका एक बड़ा हिस्सा गलत तरीके से निकाल लिया है। निकाले गए पैसे का बड़ा हिस्सा विदेश भेज दिए।


-कंपनी के मालिक कुंडू पर आरोप है कि उन्होंने तृणमूल के कुछ नेताओं की मदद से इकट्ठा किए हुए पैसे का एक हिस्सा देश के बाहर भेजा। आरोप यह भी है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कुछ नेताओं ने भी इसमें मदद की थी।

-तृणमूल के कुछ नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी एजेंसियों के जरिए पैसे ठिकाने लगाने में कुंडू की मदद की। उन्हें उसके बदले गाडिय़ां, फ्लैट और दूसरे मंहगे तोहफे दिए गए। रोजवैली ने विदेश में उनके सैर सपाटे का खर्च भी उठाया।
-प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने मार्च 2015 में गौतम कुंडू को गिरफ्तार किया था। सीबीआइ ने उन्हें 2016 के जनवरी में उन पर आरोप तय किए।
-अब तक सांसद तापस पाल, सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं तृणमूल ने भाजपा सांसद व मंत्री बाबुल सुप्रियो पर भी रोजवैली घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है।
-सेंट जेवियर्स कालेज के प्रिंसिपल से भी हो चुकी है पूछताछ।
-कुछ और मंत्रियों, नेताओं, अभिनेत्री, प्रोड्यूसर के बारे में सीबीआइ को सबूत मिलने की बात कही जा रही है।
-रोजवैली घोटाले में त्रिपुरा के भी नेता, मंत्रियों से हो चुकी है पूछताछ।
-सीबीआइ ने प्रारंभिक आरोपपत्र में कंपनी के चेयरमैन गौतम कुंडू, प्रबंध निदेशक शिवमय दत्ता, निदेशक रामलाल गोस्वामी और अशोक कुमार साहा को प्रमुख आरोपी बनाया था।

अस्पताल में भर्ती सुदीप

रोजवैली चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार तृणमूल सांसद की तबीयत अचानक खराब हो गई। इलाज के लिए उन्हें जेल अस्पताल में भर्ती किया गया है। सीबीआइ हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद गुरुवार उन्हें 14 दिनों की जेल हिरासत का निर्देश दिया गया।

निर्देश मिलते ही उन्हें रात को ही जेल में ले जाया गया। वहां जाते ही उनकी तबीयत खराब हो गई। सुदीप ने सीने में दर्द की शिकायत की। जिसके बाद उन्हें जेल अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां डाक्टरों ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। इस जांच रिपोर्ट में सुदीप की हालत स्थिर बताई गई है।


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