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ओडिशा हाईकोर्ट का पूर्व जज गिरफ्तार

सीबीआइ ने बताया कि उसके पास आरोपियों की आपसी बातचीत के सबूत हैं और इस संबंध में उसने कॉल डिटेल्स रिकार्ड भी पेश किया।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 21 Sep 2017 07:47 PM (IST)Updated: Thu, 21 Sep 2017 07:47 PM (IST)
ओडिशा हाईकोर्ट का पूर्व जज गिरफ्तार
ओडिशा हाईकोर्ट का पूर्व जज गिरफ्तार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मेडिकल कालेज को राहत दिलाने के लिए रिश्वत की लेन-देन के आरोपों में फंसे ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व जज आइएम कुदुसी को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया है। कुदुसी के साथ ही बिचौलिये और रिश्वत देने वाले लखनऊ मेडिकल कालेज के मालिकों भी शिकंजा कस गया है। कुदुसी पर भुवनेश्वर के एक बिचौलिये के मार्फत सुप्रीम कोर्ट से 46 मेडिकल कालेजों में नामांकन पर लगे प्रतिबंध से राहत दिलाने की साजिश रचने का आरोप है।

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सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुदुसी के साथ-साथ बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले मेरठ के वेंकेंटश्वर मेडिकल कालेज के सुधीर गिरी, कुदुसी की करीबी भावना पांडेय, सुप्रीम कोर्ट में ऊंचे संपर्को का दावा करने वाले विश्वनाथ अग्रवाल, हवाला डीलर रामदेव सारस्वत के साथ-साथ रिश्वत देने वाले लखनऊ के प्रसाद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेंस के मालिक बीडी यादव और पलाश यादव को गिरफ्तार किया गया। सीबीआइ ने सभी गिरफ्तार आरोपियों को तीज हजारी की विशेष अदालत में पेश किया। जहां अदालत ने उन्हें पूछताछ के लिए चार दिनों की सीबीआइ हिरासत में भेज दिया है। सीबीआइ मुख्यालय में इनसे पूछताछ की जा रही है।

अदालत को सीबीआइ ने बताया कि उसके पास आरोपियों की आपसी बातचीत के सबूत हैं और इस संबंध में उसने कॉल डिटेल्स रिकार्ड भी पेश किया। सीबीआइ का कहना है कि इन काल रिकार्ड से साबित होता है कि ये आरोपी बड़ी साजिश में शामिल थे और इस संबंध में आगे सबूत जुटाने के लिए इनसे हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। सीबीआइ के अनुसार विश्वनाथ अग्रवाल रिश्वत की रकम लेने के लिए दिल्ली आया था और हवाला आपरेटर से रिश्वत लेते समय ही उसे दबोच लिया गया था। इसके अलावा आरोपियों के यहां छापे में लगभग 92 लाख रुपये नकद मिले हैं।

दरअसल लखनऊ के प्रसाद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेंस समेत 46 मेडिकल कालेजों में कमियों को देखते हुए एमसीआइ ने उनमें नए छात्रों के नामांकन पर रोक लगा दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर अदालत ने एमसीआइ को नए सिरे से इस पर विचार करने को कहा था। लेकिन एमसीआइ ने इन कालेजों के दावे को खारिज करते हुए उनमें दो सालों के लिए नामांकन पर रोक लगा थी। इसके बाद बीपी यादव और पलाश यादव ने सुधीर गिरी के मार्फत भावना पांडेय और आइएम कुदुसी से संपर्क किया। इसके लिए कुदुसी ने भुवनेश्वर के विश्वनाथ अग्रवाल से संपर्क किया। विश्वनाथ अग्रवाल सुप्रीम कोर्ट में अपने ऊंचे संबंधों का दावा करता है।

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