कैलेंडर का माहिर पार्थ
कहा जाता है कि अभ्यास के जरिये कोई भी व्यक्ति किसी भी विद्या में निपुणता हासिल कर सकता है। शकरपुर के रहने वाले 12 वर्षीय पार्थ गुप्ता ने इसे सही साबित किया है। पार्थ को 300 साल का कैलेंडर मुंह जुबानी याद है।
नई दिल्ली। कहा जाता है कि अभ्यास के जरिये कोई भी व्यक्ति किसी भी विद्या में निपुणता हासिल कर सकता है। शकरपुर के रहने वाले 12 वर्षीय पार्थ गुप्ता ने इसे सही साबित किया है। पार्थ को 300 साल का कैलेंडर मुंह जुबानी याद है। ऐसे में जो भी पार्थ से पहली बार मिलता है, वह उसकी इस क्षमता के बारे में जानकर आश्चर्यचकित रह जाता है।
सभी का सहयोग
पार्थ का कहना है कि उसे हर काम में माता -पिता एवं अध्यापकों का सहयोग मिलता है और वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी पूरा समय देता है। वह आर्य भट्ट, रामानुज एवं शकुंतला देवी को आदर्श मानता है और बड़ा होकर वैज्ञानिक बनना चाहता है, ताकि परिवार एवं देश का नाम रोशन कर सके। पार्थ का कहना है कि कई लोग उससे कैलेंडर से संबंधित जानकारी लेने आते हैं, जिसके बारे में बताकर उसे भी काफी खुशी मिलती है।
स्कूल में आदर्श छात्र
शकरपुर स्थित ए-435 में मनोज अगहरि अपनी पत्नी मीनाक्षी गुप्ता, दो बेटों पार्थ एवं नौ वर्षीय सार्थक के साथ रहते हैं। मनोज गणित और विज्ञान विषय के अध्यापक हैं और गाजियाबाद के पिलखुवा क्षेत्र में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल में कार्यरत हैं। वह बताते हैं कि उसने छठी कक्षा के पढ़ाई के दौरान ही यह हुनर सीखा। इसके बाद उसे स्कूल की विज्ञान प्रदर्शनी के दौरान आदर्श छात्र चुना गया और छात्रवृति भी दी गई। वर्तमान में वह खिचड़ीपुर केंद्रीय विद्यालय में सातवीं कक्षा का छात्र