प्रोजेक्ट में देरी के लिए बिल्डर पर 20 हजार रुपए महीने का जुर्माना
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग ने एक प्रोजेक्ट में देरी करने पर फ्लैट के खरीदारों को 20 हजार रुपए महीने हर्जाना देने का फैसला सुनाया।
लखनऊ। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग ने एक प्रोजेक्ट में देरी करने पर फ्लैट के खरीदारों को 20 हजार रुपए महीने हर्जाना देने का फैसला सुनाया है।
पार्श्वनाथ डेवलपर्स के खिलाफ और उपभोक्ताओं के पक्ष में दिया गया है आयोग का यह फैसला कई लोगों को राहत देने वाला साबित होगा। दरअसल, आयोग ने लखनऊ के गोमतीनगर में पार्श्वनाथ प्लेनेट नाम से चल रहे प्रॉजेक्ट में देरी होने के मामले में यह कड़ा फैसला सुनाया है।
आयोग ने आदेश दिया है कि बिल्डर को 175 स्केवयर मीटर का फ्लैट बुक कराने वाले लोगों को 15 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से हर्जाना देना होगा। इसके अलावा इससे बड़े फ्लैट बुक कराने वाले लोगों को फ्लैट मिलने तक हर महीने 20 हजार रुपए हजार्ना देना होगा।
इस मामले में आयोग ने पाया कि बिल्डर ने 2006 में ग्राहकों के साथ 42 महीनों के अंतराल में फ्लैट दिए जाने की डील की थी। यह अवधि 2009-10 में पूरी हो गई, लेकिन अब तक ग्राहकों को फ्लैटों का आवंटन नहीं किया गया है। आदेश के मुताबिक डील होने के 54वें महीने से पेनल्टी शुरू होगी और यह फ्लैटों के आवंटित होने तक जारी रहेगी।
बिल्डर की ओर से कहा गया है कि आदेश हमें दो दिन पहले ही मिला है। हम इस पर कानूनी मशविरा करेंगे। वहीं, ग्राहकों के अधिवक्ता ने सर्वेश शर्मा ने कहा कि हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक का रुख करेंगे ताकि अलॉटमेंट के लिए समय सीमा तय हो सके और इस दौरान अधिकतम मुआवजा दिया जाए।