भैंसों ने दिखाई स्वामी भक्ति, मालिक को बाघ से छुड़ाया
जंगल में चारा चुग रहे भैंसों की नजर जब ऊपर उठी, उन्होंने देखा कि बाघ ने अपने पंजों में उनके मालिक को दबोच रखा है। भैंसों ने आंव देखा न तांव स्वामी भक्ति दिखाकर मालिक को बचाया।
रामनगर, नैनीताल, [जेएनएन]: एक जानवर ने अपने मालिक के साथ वफादारी निभाई। एक भैंस अपने स्वामी की जान बचाने के लिए खुद की परवाह किए बगैर खूंखार बाघ से भिड़ गई और बाघ को हार माननी पड़ी, अपने पंजों में दबाए किशोर को छोड़कर भागना पड़ा। बाघ और भैंस के बीच हुई जंग में उसकी साथी भैंसों ने भी उसका बखूबी साथ दिया।
तराई पश्चिमी वन प्रभाग की आमपोखरा रेंज में गूजरों के परिवार रहते हैं। बीती शाम को रेंज के नत्थावली क्षेत्र में अमानत अली (12 वर्ष) पुत्र गुलाम रसूल अपनी 22 भैंसों को चराने के लिए जंगल गया था। इसी समय में जंगल में शिकार के लिए घात लगाए बैठे बाघ ने अमानत पर पीछे से हमला कर दिया। वह कुछ समझ नहीं पाया, जब समझ में आया तो वह बाघ के पंजों में दबा जिंदगी के लिए तड़प रहा था। इसी समय कुछ दूरी पर घास चर रही उसकी भैंस की नजर पंजों में दबे अमानत पर पड़ी।
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नजर पड़ते ही भैंस ने पूरे जोश के साथ बाघ पर हमला कर दिया। यह देख उसकी साथी भैंसें भी बाघ से भिड़ गईं। अपने को चारों ओर से घिरता देख बाघ की हिम्मत टूट गई उसे मजबूरन अपने पंजों में दबे किशोर को छोड़ना पड़ा। उसकी पकड़ से छूटा खून से लथपथ अमानत भी घर की ओर दौड़ पड़ा।
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चीखता-चिल्लाता घर के करीब पहुंच कर बेहोश होकर जमीन पर गिर गया। परिजन उसे देखकर पूरा माजरा समझ गए और अस्पताल में भर्ती कराकर वनाधिकारियों को सूचना दी। हालांकि प्राथमिक उपचार के बाद घायल अमानत को हल्द्वानी के डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। उधर, भैंसों ने बाघ को कुछ दूरी तक दौड़ाया और फिर सभी एक साथ घर की ओर चल पड़ीं। अस्पताल में घायल अमानत ने लोगों को भैंस के बाघ से भिड़ने के बारे में बताया।
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वन विभाग पश्चिमी वृत्त के मुख्य वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते का कहना है कि अगर ज्यादा जानवर हैं तो ऐसा हो सकता है। अपनी जान बचाने के लिए बाघ किशोर अमानत को छोड़कर चला गया होगा।