हिंदू धर्म के बाद आए बौद्ध, यहूदी व इस्लाम
संकिसा के राजघाट स्थित यूथ बुद्धिस्ट संस्थान में धम्म प्रवचन समारोह में आध्यात्मिक गुरु दलाईलामा तेन्जिन ज्ञात्सो ने शनिवार को कहा कि भारत में सभी धर्मो के लोग सर्वधर्म समभाव के साथ रहते हैं।
फर्रुखाबाद [जागरण संवाददाता]। संकिसा के राजघाट स्थित यूथ बुद्धिस्ट संस्थान में धम्म प्रवचन समारोह में आध्यात्मिक गुरु दलाईलामा तेन्जिन ज्ञात्सो ने शनिवार को कहा कि भारत में सभी धर्मो के लोग सर्वधर्म समभाव के साथ रहते हैं। भारत दुनिया के लिए उदाहरण है।
भारतीय परंपरा की बात की जाये तो हिंदू धर्म प्राचीनतम है। बौद्ध, यहूदी, इस्लाम, जैन आदि धर्म बाद में अस्तित्व में आए। हिंदू एवं बौद्ध धर्म में मात्र मौलिक अंतर है कि दोनों धर्मो के सिद्धांत अधिकांशत: मिलते हैं।
दलाईलामा ने कहा कि आतंकवाद विश्व की सबसे बड़ी समस्या है। संकीर्ण मानसिकता वाले लोग ही आतंकवाद के रास्ते पर चलते हैं। इस मुद्दे पर सभी मुस्लिमों पर आरोप नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षो में चीन में आर्थिक विकास हुआ है, लेकिन तिब्बत में अधिक विकास नहीं हुआ।
विकास आपसी सहयोग से होता है। पड़ोसी से संबंध मधुर होना लाभकारी होता है। दलाईलामा ने कहा कि चित्त को जो लोग वश में रखते हैं, उन्हें कभी दुख नहीं होता। दुख का कारण जानना चाहिए, तभी उसके निवारण के उपाय खोजे जा सकते हैं। एक बार में ही दुख को जान लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के धर्म को दो भागों में बांटा गया है। संस्कृत एवं पाली भाषा में। पाली भाषा की परंपरा वाला प्रमुख देश भारत है। बुद्ध वचन काफी गंभीर हैं। यह शुरू में समझ में नहीं आते हैं, लेकिन उसको निरंतर अभ्यास करने से मन, वाणी, कर्म में बदल जाते हैं। दलाईलामा ने तिब्बती भाषा में प्रवचन किया, जिसका हिंदी अनुवाद कैलाश चंद्र बौद्ध ने किया।
धम्मपद वितरित न करने पर दलाईलामा नाराज
प्रवचन के दौरान दलाईलामा ने लोगों से पूछा कि उन्हें 'धम्मपद' पुस्तक प्राप्त कराई गई है अथवा नहीं। पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं ने न मिलने की जानकारी दी। इस पर दलाईलामा नाराज हो गए। उन्होंने प्रवचन रोककर पंडाल में पुस्तकें वितरित करायीं।