पूर्वोत्तर में अलगाववाद की आग बुझाएगी समृद्धि की बरसात
गुवाहाटी से शिलांग के बीच नागिन सी बलखाती चार लेन की चौड़ी सड़क पर सफर करते हुए आपको शायद ही यह यकीन हो कि इस खूबसूरत इलाके में बंदूकें गरजती रही हैं।
नई दिल्ली। गुवाहाटी से शिलांग के बीच नागिन सी बलखाती चार लेन की चौड़ी सड़क पर सफर करते हुए आपको शायद ही यह यकीन हो कि इस खूबसूरत इलाके में बंदूकें गरजती रही हैं। गरीबी व तंगहाली की जमीन पर अलगाववाद की अलाव जलती रही है, लेकिन यकीन जानिए कि समूचे पूर्वोत्तर में विकास और समृद्धि की ऐसी जोरदार बरसात होने वाली है कि उसके आगे अलगाववाद की आग टिक नहीं पाएगी।
असम में सर्वाधिक शक्तिशाली कहे जाने वाले अलगाववादी समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) का गढ़ है तिनसुकिया इलाका। अपने मनमौजी मिजाज के लिए मशहूर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे चलते हुए नदी द्वारा इस इलाके में की गई बर्बादी का अंदाजा लग जाता है। अब इसी नदी पर लगभग एक हजार करोड़ रुपये की लागत से दौला और सादिया के बीच 9.15 मीटर लंबा पुल बन रहा है।
इसके बनने से पूरे इलाके में विकास की रफ्तार बहुत तेजी आने की उम्मीद है। पुल को बनाने में जुटे प्रसेनजीत भट्टाचार्य बताते हैं कि इस पुल के बन जाने से अब गुवाहाटी से अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी में भारी कमी आएगी। चाहे सामान्य गाड़ी हो या सेना का साजो-सामान बहुत कम समय में इस पार से उस पार भेज सकेंगे। बीते सैकड़ों वर्षो से नाव से नदी पार करते लोगों के लिए एक नई दुनिया शुरू होने वाली है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों की मानें तो शिलांग बाईपास और जोरहाट-बारापानी परियोजना को पूरा करने के क्रम में भारी परेशानियां पेश आई हैं, लेकिन अब इनके बनने से समूचे पूर्वोत्तर इलाके में समृद्धि आएगी।
हाल ही में गुवाहाटी में पूर्वोत्तर के राज्यों के मंत्रियों के साथ विकास की गतिविधियों पर विचार-विमर्श करने के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस साल के अंत तक समूचे पूर्वोत्तर में केवल सड़क परिवहन से संबंधित करीब 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं या तो पूरी कर ली जाएगी या शुरू होंगी।
सनद रहे कि लोकसभा के पिछले चुनाव में पूर्वोत्तर के राज्यों में रिकार्ड 80 फीसद मतदान हुआ। इससे संकेत मिले कि बदलाव के साथ-साथ विकास के सपने पूर्वोत्तर के राज्यों के लोगों की आंखों में पल रहे हैं और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों के विकास को अपनी सरकार की प्राथमिकता बताकर अपने इरादे स्पष्ट भी कर दिए हैं।