भूमि अधिग्रहण बिल विवाद: अमित शाह ने बनाई आठ लोगों की कमिटी
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर मोदी सरकार संसद से सड़क तक घिरती नजर आ रही है। संसद में जहां इस बिल पर विपक्षी पार्टियों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। वहीं जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठकर समाजसेवी अन्ना हजारे भाजपा सरकार पर दबाव बना रहे हैं। ऐसे में भाजपा अध्यक्ष
नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर मोदी सरकार संसद से सड़क तक घिरती नजर आ रही है। संसद में जहां इस बिल पर विपक्षी पार्टियों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। वहीं जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठकर समाजसेवी अन्ना हजारे भाजपा सरकार पर दबाव बना रहे हैं। ऐसे में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आठ लोगों की समिति का गठन किया है, जो किसानों के भूमि अधिग्रहण बिल से जुड़े सुझावों पर गौर करेगी।
इस कमिटी में सत्या पाल मलिक(संयोजक) भूपेंदर यादव, राम नारायण, हुक्मदेव नारायण यादव, राकेश सिंह, संजय शामराव धोत्रे, सुरेश अंगदी और गोपाल अग्रवाल शामिल हैं। मंगलवार को मोदी सरकार ने भारी हंगामे के बीच भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लोकसभा के पटल पर रख दिया।
लगभग सभी विपक्षी पार्टियां भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ खड़ी नजर आ रही है। किसी ने इस बिल को किसानों के साथ अन्याय बताया, तो किसी ने किसानों की हत्या। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध्ा में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे के मुताबिक इसकी जरूरत ही नहीं है। उनका कहना है कि अगर सरकार ने इस बिल को वापस नहीं लिया, तो कुछ दिनों बाद पूरे देश के किसान एक बड़ा आंदोलन करेंगे।
भाजपा ने भूमि अधिग्रहण बिल पर अपने को चारों ओर से घिरता देख तेवर नर्म कर लिए हैं। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि बिल में जो संशोधन किए जा रहे हैं, उनसे किसानों को फायदा होगा। लेकिन किसान और विपक्षी पार्टियां कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक टीम का गठन किया है, जो भूमि अधिग्रहण बिल से जुड़े किसानों के सुझाव सुनेगी।
किसान नेता राज गोपाल का कहना है कि भूमि अधिग्रहण बिल किसानों का नहीं बड़े-बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाता है। सरकार कंपनियों के एजेंट बनकर किसानों से जमीन ले रही है। उनका कहना है कि उद्योगपतियों को जो जमीन लाखों में दी जा रही है, उसे वे करोड़ों रुपये में आगे बेच रहे हैं।
राज गोपाल का कहना है कि हर किसान को यह अधिकार होना चाहिए कि वह अपनी जमीन बेचना चाहता है या नहीं। कंपनियों को जमीन लीज पर दी जानी चाहिए, ताकि किसान भूमिहीन न हों और उनके परिवार का गुजारा चलता रहे।
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