मायावती को अपशब्द कहने वाले दयाशंकर बक्सर में गिरफ्तार, यूपी ले गई पुलिस
बसपा सुप्रीमो मायावती को अपशब्द कहने वाले पार्टी से निष्कासित भाजपा नेता दयाशंकर सिंह को यूपी एसटीएफ की टीम ने बिहार पुलिस की मदद से बक्सर से गिरफ्तार कर लिया है।
पटना [वेब डेस्क]। बसपा सुप्रीमो मायावती को अपशब्द कहने वाले दयाशंकर सिंह को बिहार के बक्सर से यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। बक्सर में गिरफ्तारी के बाद एसपी अपने कार्यालय में उनका इंतजार कर रहे थे लेकिन यूपी की एसटीएफ सीधे अपने साथ लेकर निकल गई। उनके अभी मऊ पहुंचने की सूचना है जहां उनकी कोर्ट में पेशी होगी।
विदित हो कि मायावती को अपशब्द कहने के बाद विवाद बढ़ने पर दयाशंकर सिहं भूमिगत हो गए थे।हाल में झारखंड के देवघर में देखे जाने की सूचना मीडिया में आई थी। वे वहां बाबाधाम में पूजा करने गए थे। इसके बाद से ही यूपी की एसटीएफ उनके पीछे लग गई थी। देवघर से लौटने पर उन्हें बक्सर के चीनी मिल मोहल्ले से गिरफ्तार कर लिया गया।
इस बीच यूपी हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के बाद दयाशंकर के खिलाफ हजरतगंज थाने में एससी-एसटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करायी गई थी, जिसके बाद से ही दयाशंकर सिंह फरार थे। पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। इस मामले में दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह ने भी मायावती और बसपा नेता नसीमुददीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
पढ़ेंः लालू का एलान, बिहार में ताड़ी बेचने या पीने पर किसी रूप में प्रतिबंध नहीं
कोर्ट ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट बसपा सुप्रीमो मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने दयाशंकर सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वारंट के खिलाफ दयाशंकर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। लेकिन, वहां से उन्हें राहत नहीं मिल सकी। हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया था।
अटकलों पर लगा विराम
इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे आत्मसमर्पण कर सकते हैं। लेकिन, गिरफ्तारी के बाद अटकलों पर विराम लग गया है।
बक्सर में मिली प्रारंभिक शिक्षा
बसपा सुप्रीमो मायावती पर टिप्पणी कर चर्चा में आए दयाशंकर सिंह बक्सर के सिमरी प्रखंड स्थित छोटका राजपुर गांव के रहनेवाले हैं। वे विंध्याचल सिंह के पांच पुत्रों में तीसरे नंबर पर हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा छोटका राजपुर गांव के विद्यालय में हुई थी। उसके बाद वे उत्तर प्रदेश के बलिया जिला स्थित करमानपुर गांव अपने मामा के घर चले आए। यहीं उनकी स्कूली शिक्षा पूरी हुई।
पढ़ेंः सुशील मोदी बोले, बेपेंदी के लोटा हैं लालू, कब क्या बोल देंगे, पता नहीं
यूपी में बढ़ी राजनीतिक सक्रियता
दयाशंकर के मामा मैनेजर सिंह यूपी की राजनीति में सक्रिय थे। इसका असर भांजा के जीवन पर भी पड़ा। लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिले के बाद दयाशंकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और परिषद के अध्यक्ष बने। यही से राजनीति में उनकी सक्रियता बढ़ी।
गांव से कम नहीं हुआ जुड़ाव
गांव के वृद्ध हृदय नारायण सिंह का कहना है कि दयाशंकर सामाजिक लड़का है। सभी को सम्मान देता है। लखनऊ जाने के बाद भी गांव से उसका जुड़ाव कम नहीं हुआ।
गांव के लोग दुखी
इस घटना के बाद दयाशंकर सिंह के राजपुर का घर सन्नाटे में डूबा हुआ था। घर की देखभाल करने वाले मुन्ना मंडल ने बताया कि उनके माता-पिता डेढ़ माह पहले लखनऊ चले गए हैं। उसने बताया कि हाल में दया का गांव आना नहीं हुआ है।
राजनीति में दया की बेटी, पत्नी और मां को इस विवाद में घसीटने के सवाल पर गांव के पूर्व मुखिया विंध्याचल सिंह कहते हैं कि जब पार्टी ने दया को सजा दे दी, कानून अपना काम कर रहा है तो ऐसे में परिवार को घसीटना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि बेटी के सम्मान में गांव के लोग मैदान में उतरेंगे। गांव के शमशेर सिंह, जयराम सिंह सहित अन्य लोगों का कहना है कि जिस तरह पार्टी ने दया को सजा दी है। उसी तरह बसपा भी गलत बयानबाजी करने वाले नेताओं को दंडित करे।
कौन हैं दयाशंकर सिंह
बलिया के रहने वाले
1997-98: लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्र संघ महामंत्री
1999: लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्र संघ अध्यक्ष
2000: BJYM के प्रदेश महामंत्री
2003: BJYM के प्रदेश उपाध्यक्ष
2004: BJYM के राष्ट्रीय महामंत्री
2005: BJYM के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
2007: विधानसभा चुनाव लड़े, हारे
2010: प्रदेश बीजेपी में महामंत्री
2015,16: दो बार MLC चुनाव हारे
2016: 12 जुलाई को यूपी के प्रदेश उपाध्यक्ष
2016: 20 जुलाई पद से हटाए गए