गिलानी का बयान चौतरफा सवालों के घेरे में
कश्मीर में अलगाववादी नेता और हुर्रियत कांफ्रेंस के कंट्टरपंथी गुट के मुखिया सैय्यद अली शाह गिलानी के शुक्रवार को दिए गए बयान पर चौतरफा सवाल उठने लगे है। भारतीय जनता पार्टी ने तो बीती रात ही उनके दावों बेबुनियाद बताया था और आज उसकी धमक दिल्ली में भी सुनाई दी। शुक्रवार को कश्मीर में गिलानी ने कहा था भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अपने दूत के रूप में दो कश्मीरी पंडित नेताओं को 22 मार्च को उनके पास भेजा था जो गिलानी से अलगाववादी आंदोलन के विषय में कोई आश्वासन चाहते थे।
नई दिल्ली [जेएनएन]। कश्मीर में अलगाववादी नेता और हुर्रियत कांफ्रेंस के कंट्टरपंथी गुट के मुखिया सैय्यद अली शाह गिलानी के शुक्रवार को दिए गए बयान पर चौतरफा सवाल उठने लगे है। भारतीय जनता पार्टी ने तो बीती रात ही उनके दावों बेबुनियाद बताया था और आज उसकी धमक दिल्ली में भी सुनाई दी। शुक्रवार को कश्मीर में गिलानी ने कहा था भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अपने दूत के रूप में दो कश्मीरी पंडित नेताओं को 22 मार्च को उनके पास भेजा था जो गिलानी से अलगाववादी आंदोलन के विषय में कोई आश्वासन चाहते थे।
इस विवाद में शनिवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी कूद गए। उमर ने कहा कि गिलानी को दूतों केनाम गुप्त रखने के बजाए सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि पता लगाया जा सके कि झूठ कौन बोल रहा है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को ट्वीटर पर इस पूरे प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए लिखा है कि भाजपा ने गिलानी के दावों को नकारा है। इसलिए अब सच का पता लगाने के लिए एक ही आसान रास्ता है कि गिलानी उन दोनों दूतों का नाम बताएं, जो उनसे मिलने आए थे। वह अनुच्छेद 370 और अफस्पा जैसे मुद्दों पर क्या गारंटी दे रहे थे।
उधर ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने भी शनिवार को कट्टरपंथी सैय्यद अली शाह गिलानी पर पलटवार करते हुए कहा कि गिलानी खुद को हमारी तहरीक का गाडफादर समझते हैं, लेकिन हम उन्हें कुछ नहीं समझते। पहले भी वह अपनी ऐसी बातों से कइयों की मौत का कारण बन चुके हैं।
इधर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने गिलानी के बयान को झूठा बताते हुए उनसे माफी मांगने को कहा है। भाजपा ने गिलानी के बयान को निराधार और शरारतपूर्ण बताया है। नई दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी के दूत कभी भी गिलानी से नहीं मिले। उन्होंने कहा कि इस बयान के लिए हम गिलानी से खेद प्रकाश चाहते हैं।
गिलानी ने शुक्रवार को कहा था कि मोदी की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्होंने मोदी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वह दावे के साथ कहते हैं कि पार्टी का कोई भी नेता उनसे नहीं मिला। उन्होंने कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर को देश का अभिन्न अंग मानती है।
इस बीच भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पटना में कहा कि भाजपा के एजेंडे में धारा 370 काफी पहले से शामिल है और पार्टी जब सत्ता में आएगी तो इस समस्या का हल अवश्य करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि धारा 370 भाजपा के एजेंडे में है न कि राजग के एजेंडे में।
कश्मीर में हो रहा मानवाधिकारों का हनन : प्रशांत
नई दुनिया ब्यूरो, खंडवा : आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने एक बार फिर कहा है कि जम्मू-कश्मीर में सेना को जो अधिकार दिए गए हैं उनपर जनता की राय जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता भूषण ने कहा कि जिन बिंदुओं पर वहां की जनता को परेशानी हो, ऐसे विषय पर कानून में बदलाव होना चाहिए। कानून में आवश्यक बदलाव की बात पर वे अब भी अडिग हैं।