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श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच होः भाजपा

एक निशान-एक विधान का नारा देने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत का मामला गुरुवार को राज्य विधानसभा में गूंजा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2016 09:38 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2016 10:22 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। एक निशान-एक विधान का नारा देने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत का मामला गुरुवार को राज्य विधानसभा में गूंजा। भाजपा विधायकों ने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य सरकार उन सभी परिस्थितियों की जांच कराए, जिनमें श्रीनगर की जेल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत हुई थी।

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इस पर स्पीकर कवींद्र गुप्ता ने सरकार को इस मामले पर नोटिस लेने को कहा।सुबह स्पीकर कवींद्र गुप्ता ने जैसे ही सदन में आकर अपना आसन ग्रहण किया, सभी दलों के सदस्य अपने-अपने मुद्दे उठाने लगे। इस दौरान जम्मू पश्चिमी के विधायक सत शर्मा के नेतृत्व में भाजपा विधायक अपनी सीटों पर खड़े हो गए। शर्मा ने स्पीकर से कहा कि आज 23 जून है। आज के ही दिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जिनके आदर्शो पर चलते हुए भाजपा आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है, का शहीदी दिवस है। हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी मौत की जांच की मांग करते हैं।

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भाजपा विधायकों को श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जिक्र करते देख निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद अपनी सीट पर खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि मुखर्जी का एक निशान-एक विधान का सपना कभी पूरा नहीं होगा। भाजपा के राजीव जसरोटिया और रविंद्र रैना ने इसका विरोध किया। इससे पहले कि मामला तूल पकड़ता, स्पीकर ने कहा कि सरकार को इस मामले का नोटिस लेना चाहिए। इसके बाद भाजपा विधायक अपनी सीटों पर बैठ गए।

विशेष दर्जे के खिलाफ थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी

श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू-कश्मीर के अलग संविधान और विशेष दर्जे के खिलाफ थे। वह जम्मू-कश्मीर के भारत में पूर्ण विलय के समर्थक थे। उन्हें 11 मई 1953 को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख मुहम्मद अब्दुल्ला ने लखनपुर में रावी दरिया पर पुल पार करते ही गिरफ्तार कर लिया था। 23 जून 1953 को रहस्यमय तरीके से उनकी श्रीनगर की जेल में मौत हो गई थी।

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