तुनक मिजाजी में हो रही हत्याएं, हिंसक हो रहा तनाव
हर रोज सड़कों पर मामूली विवाद के बाद हो रही हत्याओं ने जहां पुलिस की चिंताएं बढ़ा दी हैं वहीं मनोवैज्ञानिक भी इसे लेकर चिंतित हैं। ज्यादातर मामलों में हत्याओं का कारण 'तनाव' ही उभर कर सामने आ रहा है।
नई दिल्ली। हर रोज सड़कों पर मामूली विवाद के बाद हो रही हत्याओं ने जहां पुलिस की चिंताएं बढ़ा दी हैं वहीं मनोवैज्ञानिक भी इसे लेकर चिंतित हैं। ज्यादातर मामलों में हत्याओं का कारण 'तनाव' ही उभर कर सामने आ रहा है। अब वो चाहें रोड रेज के मामले हों या फिर रेस्टोरेंट में सलाद नहीं मिलने के बाद हुई हत्या। एक के बाद एक हो रही हत्याएं महानगरों में किसी 'सिंड्रोम' का रूप लेती जा रही हैं।
मामला 1-
इसी माह पहले सप्ताह में तुर्कमान गेट पर परिवार के सामने ही कुछ लोगों ने एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला। मासूम बच्चों के सामने ही यह हत्या सरेशाम की गई। मामला सिर्फ रोड रेज का था जिसमें कार से बाइक टकराने के बाद यह दर्दनाक अंजाम सामने आया था।
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मामला 2-
तीस हजारी अदालत परिसर में 17 अप्रैल को एक वकील की लाश मिलने से सनसनी हो गई थी। शव की शिनाख्त राजीव शर्मा के रूप में की गई। शव पर कई गहरे निशान थे जिससे हत्या की पुष्टि हुई। बाद में जब जांच हुई तो पता चला कि सलाद को लेकर हुए विवाद के बाद ढाबा मालिक ने हत्या की थी।
मामला 3-
कनॉट प्लेस में जलेबी देने जैसे मामूली विवाद पर पिछले वर्ष एक सिक्योरिटी गार्ड ने गोली चला दी थी। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस मामले में मौके से ही पुलिस ने गार्ड की गिरफ्तारी भी कर ली थी। जलेबी गर्म नहीं होने की स्थिति में विवाद शुरू हुआ था।
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तनाव प्रबंधन में यह होगा मददगार:
- जमकर पिएं पानी
- योगासन और ध्यान का करें अभ्यास
- गुस्सा आते ही मित्र या करीबी को लगा दें फोन
- समस्याओं को लिखें और समाधान पर सोचें
- नशे का सहारा न लें
- दोस्तों के बीच में जाएं, बातें करें
- जिस काम से दबाव महसूस हो, वह न करें
- बार-बार ज्यादा क्रोध आने पर मनोवैज्ञानिक का सहारा लें
"महानगरों में संस्कृति में यह एक नकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है। अचानक गुस्सा आना और फिर बिल्कुल अंधे होकर कुछ भी कर देना। इसमें हत्या और मारपीट भी शामिल हैं। लोग अपने इगो को संभाल नहीं पा रहे हैं। ऐसे में तनाव प्रबंधन पर जोर देना बेहद जरूरी हो गया है। साथ ही यह एक बड़ी सामाजिक समस्या है। दुनियाभर में यह अलार्मिंग स्थिति में है।"
-डाक्टर ओम प्रकाश, मनोचिकित्सक, इहबास
"पुलिस हर मामले में कानून के हिसाब से कार्रवाई करती है। रोडरेज के मामले हों या छोटी बात को लेकर हत्या, हर मामले में नियमों का पालन कर जांच की जाती है आैर चार्जशीट दाखिल की जाती है। इतना जरूर है कि यदि छोटे मसलों पर लड़ाई होती है तो खुद कार्रवाई करने के बजाए लोगों को 100 नंबर पर कॉल करना चाहिए। "
-राजन भगत, पीआरओ दिल्ली पुलिस