चुनाव से पहले वोटों का बड़ा फर्जीवाड़ा
चुनाव से ठीक पहले सूबे में फर्जी मतों का बड़ा घोटाला सामने आया है। इसकी जांच चल रही है। रिठाला, मुंडका, जनकपुरी, उत्तम नगर, विकासपुरी, नजफगढ़ सहित सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में फर्जी मत बनवाए जाने की आंशका है।
नई दिल्ली, अजय पांडेय। चुनाव से ठीक पहले सूबे में फर्जी मतों का बड़ा घोटाला सामने आया है। इसकी जांच चल रही है। रिठाला, मुंडका, जनकपुरी, उत्तम नगर, विकासपुरी, नजफगढ़ सहित सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में फर्जी मत बनवाए जाने की आंशका है।
जांच में यदि यह फर्जीवाड़ा सही पाया जाता है तो बाकायदा मुकदमे दर्ज होंगे और इसमें शामिल लोगों को जेल भेजा जाएगा। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय के अधिकारी इस संभावना से भी इन्कार नहीं कर रहे कि इन फर्जी मतदाताओं ने बीते विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भी मतदान किया हो। इस फर्जीवाड़े में डाटा एंट्री आपरेटर और चुनाव आयोग के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है।
कैसे हुआ है फर्जीवाड़ा
इस फर्जीवाड़े के संबंध में बताया जा रहा है कि एक ही व्यक्ति की फोटो लगाकर, एक ही विधानसभा क्षेत्र में एक-एक दर्जन वोट बना दिए गए हैं। कहीं-कहीं तो यह संख्या 98 तक बताई जा रही है। मतलब यह है कि एक व्यक्ति के पास अलग-अलग नाम के 98 मतदाता पहचान पत्र हैं जिनके आधार पर वह अकेला 98 वोट डाल सकता है। लेकिन बड़ी बात यह है कि ऐसी स्थिति सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी बड़ा खतरा बन सकती है। वह व्यक्ति इतने ही पासपोर्ट भी बनवा सकता है।
आपको बता दें वर्ष 2013 में दिल्ली की मतदाता सूची में से करीब 13 लाख फर्जी वोट हटाए गए थे। इनमें 80 हजार उन लोगों के वोट भी शामिल थे जो मर चुके थे। लेकिन इस फर्जीवाड़ा में यह हुआ था कि मतदाता ने जिस पते पर अपना नाम दर्ज कराया था, जांच के दौरान वह वहां नहीं मिला। इसके बाद यह अनुमान व्यक्त किया गया था कि जो प्रवासी मजदूर अपना मत बनवाने के बाद दिल्ली छोड़ गए होंगे, उन्हीं का मत मतदाता सूची में रह गया होगा। लेकिन एक ही फोटो लगाकर कोई मतदाता एक दर्जन या उससे ज्यादा वोट डाल रहा हो, यह शायद पहला मामला है।
सूत्रों ने बताया कि राजधानी में मतदाता सूची में नाम जोड़ने का अधिकार इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन अफसर (ईआरओ) और असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन अफसर (एईआरओ) को है। इनको ही लॉग इन आइडी और पासवर्ड दिया गया है, लेकिन मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में डालने के लिए दिल्ली सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने दो कंपनियां उपलब्ध कराई हैं। इन्हीं कंपनियों के डाटा एंट्री आपरेटर मतदाता सूची में नए नाम जोड़ते हैं। देव ने कहा कि पांच जनवरी तक दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। यदि इसमें किसी ने गड़बड़ी की है तो उसे जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने आम लोगों से भी अपील की कि यदि उनहोंने कुछ भी गलत किया है तो वह चुनाव कार्यालय का सहयोग करें और खुद ही आकर हकीकत बता दें।
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी विजय देव ने इस संबंध में पूछने पर कहा कि दिल्ली की मतदाता सूची की समीक्षा का काम जारी है। उन्होंने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि कर्मचारियों की लापरवाही से अलग-अलग व्यक्तियों के नाम के आगे एक व्यक्ति की फोटो लग गई हो। लेकिन उन्होंने इस संभावना से भी इन्कार नहीं किया कि फर्जीवाड़ा किया गया हो और एक ही व्यक्ति के कई वोट बना दिए गए हों। देव ने कहा कि पांच जनवरी तक समरी रिवीजन का काम पूरा हो जाएगा। इसमें यदि यह पता चलता है कि फर्जीवाड़ा किया गया है तो संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएंगे और उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाला जाएगा। जो सरकारी कर्मचारी इस मिलीभगत में पकड़े जाएंगे उन्हें तीन साल तक की कैद हो सकती है जबकि फर्जी वोट बनवाने वाले मतदाता को भी छह महीने की जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
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