भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर हिमाचल से गिरफ्तार, जेल भेजा गया
सहारनपुर में जातीय हिंसा भड़काने के मुख्य आरोपी भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया।
जेएनएन, नई दिल्ली। सहारनपुर में जातीय हिंसा भड़काने के मुख्य आरोपी भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गुरुवार सुबह हिमाचल प्रदेश के चंबा जनपद के डलहौजी से गिरफ्तार कर लिया। 28 दिन से वह पुलिस की कई टीमों को छका रहा था। हरिद्वार की गर्लफ्रेंड के सर्विलांस पर लगे फोन से उसके डलहौजी में होने का सुराग मिला। रात दस बजे उसे सहारनपुर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रविंद्र सिंह के समक्ष पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। शुक्रवार को पुलिस उसकी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी डालेगी। अफवाहों पर लगाम के लिए डीएम ने इंटरनेट सेवा फिर बंद करा दी है। जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। नौ मई को हुई जातीय हिंसा में चंद्रशेखर के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज हुए थे। उसकी फरारी ने कई सप्ताह से शासन और प्रशासन की नींद हराम कर रखी थी।
सूत्रों के मुताबिक, 12 हजार रुपये के इनामी रावण का सुराग उसकी गर्लफ्रेंड के फोन के जरिये मिलने पर एसटीएफ बुधवार दोपहर डलहौजी पहुंची और स्थानीय पुलिस से संपर्क साधा। चंद्रशेखर की गाड़ी के डलहौजी स्थित सुभाष चौक पर खड़ी होने से उसके यहां होने की जानकारी पुख्ता हो गई। एसटीएफ की टीम सादे कपड़ों में रातभर आसपास छिपी रही। गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे चंद्रशेखर जैसे ही वहां पहुंचा एसटीएफ ने दबोच लिया। थाने में औपचारिकता पूरी करने के बाद टीम उसे सहारनपुर लेकर आई । सहारनपुर के एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि रावण को रिमांड पर लेकर हिंसा के पीछे राजनीतिक कनेक्शन, भीम आर्मी को कहां-कहां से फंडिंग हुई आदि के बारे में पूछताछ होगी। दलित बहुल क्षेत्रों में आरएएफ व पीएसी मुस्तैद है। जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।
ऐसे मिली लोकेशन
सूत्रों के अनुसार, रावण की दो गर्लफ्रेंड हैं, इनमें एक हरिद्वार व दूसरी सहारनपुर की है। पिछले दस दिनों से पुलिस इन दोनों युवतियों के परिजनों के संपर्क में थी। इन दोनों के मोबाइल भी सर्विलांस पर थे। रावण हरिद्वार की युवती के साथ डलहौजी पहुंचा तो उसकी सटीक लोकेशन मिल गयी।
28 दिन में बदले १६ स्थानमुकदमा दर्ज होने के बाद चंद्रशेखर ने 28 दिन में 16 स्थान बदले। 21 मई को दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के बाद वह हरिद्वार, वहां से दिल्ली, गुड़गांव, करनाल, पानीपत, जालंधर, होशियारपुर होता हुआ डलहौजी पहुंचा। मोबाइल पर फेसबुक कॉल के जरिए ही बात करता था। इसके लिए ज्यादातर वाई-फाई की सुविधा वाली जगह चुनता था। उसके जिन मित्रों के नंबर सर्विलांस पर थे, उनको गलत लोकेशन बताता रहता था ताकि पुलिस उस तक न पहुंच पाए।
यह है मामला
पांच मई को सहारनपुर के शब्बीरपुर में ठाकुरों और दलितों के बीच हुए संघर्ष के दौरान दर्जनों दलितों के घर फूंक दिए गए थे। पीडि़त दलितों ने मुआवजे के लिए नौ मई को भीम आर्मी के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन किया था। इस दौरान उपद्रवियों ने कई जगह तोड़फोड़ व पुलिस चौकी और कई वाहन फूंक दिए थे। शब्बीरपुर में 23 मई को भी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के आने से पहले और जाने के बाद भी जातीय ङ्क्षहसा भड़की थी। इसमें एक की जान चली गई थी। कई घायल हुए थे।
48 मुकदमे, 159 गिरफ्तारियां जातीय हिंसा की वारदातों में कुल 48 मुकदमे दर्ज हुए। 189 नामजदों में से अब तक 159 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। सैकड़ों उप्रदवी अज्ञात हैं।