बंगाल चुनाव ने बांटा नेताजी का परिवार
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाती व तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार सुगत बोस अपनों से ही कड़ी टक्कर का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ अपने ही 30 रिश्तेदार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इससे उन्हें चुनाव में कड़ी प्रतिद्वंद्विता का सामना करना पड़ रहा है।
कोलकाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाती व तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार सुगत बोस अपनों से ही कड़ी टक्कर का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ अपने ही 30 रिश्तेदार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इससे उन्हें चुनाव में कड़ी प्रतिद्वंद्विता का सामना करना पड़ रहा है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुगत बोस यादवपुर संसदीय क्षेत्र से तृणमूल के उम्मीदवार हैं। इस संसदीय क्षेत्र से ही माकपा के उम्मीदवार सुजन चक्रवर्ती के समर्थन में सुगत बोस के अपने ही रिश्तेदार चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं।
सुगत बोस के एक रिश्तेदार व नाती चंद्र बोस का कहना है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अचानक रहस्यमय तरीके से गायब होने के मामले को सुगत ने अपने अभियान में मुद्दा नहीं बनाया है। इस कारण ही हमने उनके खिलाफ प्रचार अभियान चलाना शुरू किया।
नेताजी से जुड़ी फाइलों को लेकर सुगत बोस ने चुप्पी साधे रखी है। इससे ही हम उसके खिलाफ प्रचार अभियान में शामिल हैं। स्वतंत्रता सेनानी के परिवार के 30 अन्य सदस्य भी इस अभियान में शामिल हो गए हैं। इस परिवार ने ओपेन प्लेटफार्म फार नेताजी के साथ अलग मंच का गठन कर लिया है।
चंद्रा बोस ने कहा कि नेताजी के रहस्यमय तरीके से गायब होने के मामले की जांच की फाईल को पीएमओ ने उजागर करने से मना कर दिया है। एक आरटीआई में पीएमओ ने कहा कि उनके पास एक गोपनीय फाइल है। मामला पीएमओ से जुड़ा हुआ है ऐसे में इसे उजागर नहीं किया जा सकता।
चंद्रा बोस ने कहा कि नेताजी पूरे देश के परिवार के हैं। वह किसी एक परिवार का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में इस तथ्यों को उजागर करना चाहिए। सुगत इस मामले में हमारा समर्थन नहीं कर रहे, इसलिए हम उनके उम्मीदवारी के विरोध में हैं।