Move to Jagran APP

बकाया न चुकाने वालेदलों पर लगे रोक : चुनाव आयोग

चुनाव आयोग चाहता है कि दिल्ली हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों ना सिर्फ उम्मीदवारों पर बल्कि राजनीतिक दलों पर भी लागू किया जाए।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 08:01 PM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 08:14 PM (IST)
बकाया न चुकाने वालेदलों पर लगे रोक : चुनाव आयोग
बकाया न चुकाने वालेदलों पर लगे रोक : चुनाव आयोग

नई दिल्ली, प्रेट्र। चुनाव आयोग उम्मीदवारों को अपने सभी आवश्यक बकाया बिलों का भुगतान करने के बाद ही चुनाव मैदान में उतरने के नियमों में बांध चुका है। अब वह सभी राजनीतिक दलों पर भी यही शर्ते लागू करना चाहता है। चुनाव आयोग ने इस संबंध में सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर उनसे इस मुद्दे पर राय मांगी है। उसने डिफाल्टरों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किए जाने की पैरवी की है।

loksabha election banner

चुनाव आयोग चाहता है कि दिल्ली हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों ना सिर्फ उम्मीदवारों पर बल्कि राजनीतिक दलों पर भी लागू किया जाए। अपने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने से पहले राजनीतिक दलों को भी कोई शुल्क बकाया नहीं का एनओसी सर्टिफिकेट लेना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि अगस्त 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने आयोग से कहा था कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों को तभी चुनाव लड़ने दें जब वह अपने आवास में बिजली, पानी और टेलीफोन कनेक्शन संबंधी सभी बिलों का भुगतान कर चुके हों। इस आदेश में यही नियम राजनीतिक दलों पर भी लागू करने को कहा गया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि जब हम हाईकोर्ट के आदेश पर विचार कर रहे थे तब इस बात पर गौर किया गया कि यह बात सिर्फ प्रत्याशियों पर ही लागू नहीं होती बल्कि राजनीतिक दलों पर भी लागू होती है। इसलिए इस मामले में कदम आगे बढ़ाने के लिए आयोग ने राजनीतिक दलों से उनके विचार मांगे हैं।

उन्होंने बताया कि हाल के विधानसभा चुनावों में कुछ प्रत्याशी अपना नामांकन इसलिए नहीं भर पाए क्योंकि वह 'नो ड्यूज सर्टीफिकेट' (एनओसी) नहीं दे पाए थे। सभी सात राष्ट्रीय दल भाजपा, कांग्रेस, राकांपा, भाकपा, माकपा, बसपा और तृणमूल कांग्रेस और प्रमुख क्षेत्रीय दलों में सपा और अन्नाद्रमुक को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सरकारी आवास दिए गए हैं। इसका उन्हें किराया भरना होता है।

चुनाव पर्यवेक्षक पहले ही कानून मंत्रालय को लिख चुके हैं कि चुनाव संबंधी कानूनों में संशोधन किया जाए ताकि जिन प्रत्याशियों ने अपने बिलों का भुगतान नहीं किया उन्हें लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने से रोका जा सके। चुनाव आयोग के अनुसार प्रत्याशी को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के चैप्टर-3 में संशोधन की आवश्यकता होगी। इसमें एक नया क्लॉज भी लगाना होगा ताकि जनसुविधाओं के डिफाल्टर को हकीकत में अयोग्य घोषित किया जा सके। इस विषय पर सरकार से विचार-विमर्श चल रहा है।

यह भी पढ़ें: टाइम की 100 प्रभावशाली हस्तियों में प्रधानमंत्री मोदी का नाम शामिल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.