दिवालिया हो चुके लोगों पर लग सकती है चुनाव लड़ने से रोक
संसद की एथेिक्स कमेटी ने सिफारिश की है कि दिवालिया हो चुके लोगों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाए।
नई दिल्ली। संसद की आचार समिति (एथिक्स कमेटी) द्वारा उद्योगपति विजय माल्या को निष्काषित करने की सिफारिश के बाद जल्द ही एक नया कानून आ सकता है, जिसमें दिवालिया हो चुके व्यक्ति खुद ही सांसद बनने के लिए अयोग्य घोषित हो सकता है।
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टीओआई की खबर के अनुसार, भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में दिवालियापन विधेयक पर बनी एक संयुक्त समिति ने अयोग्यता के लिए कई सिफारिशें की हैं जिसमें दिवालिया हो चुके व्यक्ति को किसी भी सार्वजनिक कार्यालयों या स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाना शामिल है। यदि इन सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है तो संसद के वर्तमान सत्र में इस संशोधित विधेयक को पेश किया जा सकता है। इसके तहत दिवालिया हो चुके लोगों पर नगर निकायों, राज्य विधानसभाओं और सांसद का चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लग सकता है।
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हालांकि संविधान का अनुच्छेद 102 (सी), दिवालिया हो चुके व्यक्ति को लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य बनने की अनुमति प्रदान करता है, लेकिन यह कानून इसकी अनुमति नहीं देगा।पिछले कुछ वर्षों में संसद और राज्य विधानसभाओं में उद्योगपतियों की तादाद बढ़ी है और इनमें से से कुछ पर बैंक के ऋण संबंधी आरोप भी लगे हैं।
आचार समिति ने यह भी सिफारिश की है कि किसी भी बैंककरप्ट (दिवालिया) हो चुके व्यक्ति पर लोक सेवक या किसी भी ट्रस्ट का ट्रस्टी बनने पर भी प्रतिबंध लगाया जाए।