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भगवान विष्णु कैसे जागेंगे, हम नहीं तय कर सकतेः सुप्रीम कोर्ट

पद्मनाभम स्वामी मंदिर की सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर करीब एक घंटे चर्चा हुई कि संस्कृत के श्लोक वेंकेटेशा श्रुप्रभातम को भगवान विष्णु को जगाने के लिए पढ़ा जाए या नहीं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 12:23 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 07:39 AM (IST)
भगवान विष्णु कैसे जागेंगे, हम नहीं तय कर सकतेः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। पद्मनाभम स्वामी मंदिर की सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर करीब एक घंटे चर्चा हुई कि संस्कृत के श्लोक वेंकेटेशा श्रुप्रभातम को भगवान विष्णु को जगाने के लिए पढ़ा जाए या नहीं। अधिवक्ता वकील केके वेणुगोपाल और गोपाल सुब्रहमण्यम ने इस पर बहस की। वेणुगोपाल त्रावणकोर के शाही परिवार की तरफ से तो गोपाल सुब्रहमण्यम ने एमिकस के तौर पर बहस की।

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सोये हुए भगवान श्लोक से नहीं जागेंगे
अधिवक्ता गोपाल सुब्रहमण्यम ने कोर्ट में कहा कि वेंकेटेशा श्रुप्रभातम श्लोक को मंदिर में कहना जरूरी है ताकि भगवान जागें। वहीं त्रावणकोर के शाही परिवार के वकील वेणुगोपाल ने कहा कि भगवान सोए हुए हैं। इसे योग निद्रा कहते है और श्रुप्रभातम श्लोक का उच्चारण करके उनको जगाया नहीं जा सकता। यह सदियों से चली आ रही परंपरा के खिलाफ है। यह भी कहा कि श्रुप्रभातम श्लोक का उच्चारण तिरुमला के मंदिर में भगवान विष्णु को जगाने के लिए होता है जहां उनकी प्रतिमा सीधी खड़ी है। लेकिन यहां भगवान सोए हुए हैं इसलिए श्लोक का उच्चारण नहीं हो सकता।

जब कोर्ट में श्रुप्रभातम श्लोक पढ़ें
वकील गोपाल सुब्रहमण्यम ने कोर्ट में ही श्रुप्रभातम श्लोक पढ़ना शुरू कर दिए। इस पर मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस ठाकुर ने कहा भगवान कैसे जागेंगे और किस श्लोक के आधार पर यह हम नहीं तय कर सकते और हम इस बात में जाना भी नहीं चाहते। कोर्ट ने कहा यह पुजारी को ही तय करने दिया जाए की भगवान को कैसे जगाया जाए। कोर्ट ने पद्मनाभम स्वामी मंदिर के पुजारी को निर्देश दिया कि वे तय करें की भगवान को किस श्लोक से जगाना है।

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