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बर्फीले तूफान से लोग सहमे, 128 मकानों को नुकसान

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में गुरुवार को आए बर्फीले तूफान ने चमोली से लेकर पिथौरागढ़ तक के दूरस्थ क्षेत्रों को सन्न करके रख दिया। तूफान से चमोली जिले के दशोली ब्लाक के पांच, उत्तरकाशी के तीन और पिथौरागढ़ के 12 गांवों में करीब 128 मकानों को नुकसान पहुंचा है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 08 Jan 2015 08:29 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jan 2015 08:38 PM (IST)

देहरादून। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में गुरुवार को आए बर्फीले तूफान ने चमोली से लेकर पिथौरागढ़ तक के दूरस्थ क्षेत्रों को सन्न करके रख दिया। तूफान से चमोली जिले के दशोली ब्लाक के पांच, उत्तरकाशी के तीन और पिथौरागढ़ के 12 गांवों में करीब 128 मकानों को नुकसान पहुंचा है।

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इनमें दशोली के गांवों में 40 घरों की छत ही उड़ गई। यहां प्रभावित ग्रामीणों ने स्कूलों और पक्के मकानों में शरण ली हुई है। ग्रामीणों के मुताबिक वहां तूफान के साथ बर्फ भी उड़कर आई। तीनों जिलों के तूफान प्रभावित इलाकों में संचार और विद्युत सेवाएं ठप पड़ गई हैं। बड़ी संख्या में पेड़ भी धराशायी हुए हैं। चमोली और उत्तरकाशी जनपदों के प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की टीमें मौके के लिए रवाना कर दी गई हैं, जिनके देर रात तक वहां पहुंचने की संभावना है।

पिथौरागढ़ में प्रशासन के साथ ही आईटीबीपी और एसएसबी सक्रिय हो गए हैं। उधर, मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत व नैनीताल जनपदों के जिलाधिकारियों को आपदा राहत व बचाव टीमों को अलर्ट पर रखने को निर्देशित किया है। साथ ही हालात से निबटने को व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने को कहा है।


चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर से 60 किमी की दूरी पर स्थित के दशोली ब्लाक के लगभग 2300 मीटर की ऊंचाई पर बसे पाणा-इराणी क्षेत्र के गांवों में सुबह करीब चार बजे जब लोग गहरी नींद में थे, तभी अचानक आए तूफान ने नींद उड़ा दी। जिला मुख्यालय पहुंचे ईराणी गांव के मोहन सिंह नेगी और पाणा के इंद्र सिंह ने बताया कि तूफान के साथ बर्फ भी उड़कर आ रही थी। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देखते ही देखते तमाम घरों की छतें उड़ गईं। कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। सुबह छह बजे तूफान का तांडव कम हुआ। लेकिन, 10 बजे के आसपास फिर तूफान आया और आधे घंटे बाद हल्का हुआ। इसके बाद भी दोपहर दो बजे तक तेज हवा चलती रही। क्षेत्र के लोग दहशत में हैं।


किस जिले में कितना नुकसान
चमोली :-पाणा, ईराणी, झींझी, बौंणा व भनाली गांवों में 110 मकान क्षतिग्रस्त, इनमें 40 की छत उड़ी। बड़ी संख्या में पेड़ भी उखड़े।

उत्तरकाशी :- तिहार व गुनगा में तीन-तीन घरों की छत उखड़ी। बार्सू में एक भवन व दो गोशालाएं क्षतिग्रस्त।

पिथौरागढ़ :- मुनस्यारी तहसील के गोरीपार, ढीलम, फल्याटी, पापड़ी व उगलिया में 10 मकानों की छत उड़ी। धारचूला तहसील के जिप्ती गांव में एक मकान क्षतिग्रस्त।

हिमालय के पास है पाणा ईराणी क्षेत्र
चमोली के दशोली ब्लाक का पाणा-ईराणी क्षेत्र हिमालय के त्रिशूल पर्वत से साढ़े तीन किमी और नंदादेवी पर्वत से साढ़े चार किमी की हवाई दूरी पर स्थित है। यही नहीं, आसपास की पहाडिय़ों पर पांच-पांच फुट तक बर्फ भी जमा है। पाणा के 75 वर्षीय इंद्र सिंह के मुताबिक अपने जीवन में उन्हें तूफान तो देखे, लेकिन ऐसा भयंकर तूफान पहली बार देखा।


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