Move to Jagran APP

गनी बने राष्ट्रपति, तालिबान को वार्ता का न्योता

अफगानिस्तान में अशरफ गनी ने सोमवार को देश के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। वह हामिद करजई का स्थान लेंगे। अपने पहले संबोधन में ही गनी ने शांति व स्थायित्व लाने के लिए तालिबान आतंकियों को वार्ता का न्योता दिया। उन्होंने आतंकवादियों से शांति वार्ता में शामिल होने की अपील की। भारत के उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी इस मौके

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 08:34 AM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 08:34 AM (IST)
गनी बने राष्ट्रपति, तालिबान को वार्ता का न्योता

काबुल। अफगानिस्तान में अशरफ गनी ने सोमवार को देश के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। वह हामिद करजई का स्थान लेंगे। अपने पहले संबोधन में ही गनी ने शांति व स्थायित्व लाने के लिए तालिबान आतंकियों को वार्ता का न्योता दिया। उन्होंने आतंकवादियों से शांति वार्ता में शामिल होने की अपील की। भारत के उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी इस मौके पर मौजूद थे।

loksabha election banner

राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में गनी को शपथ दिलाई गई। गनी के पद संभालने के साथ ही 2001 में तालिबान शासन की समाप्ति के बाद अफगानिस्तान में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता का हस्तांतरण हुआ। गनी ने चुनाव नतीजों को लेकर तीन महीने तक चले विवाद के बाद हामिद करजई का स्थान लिया है। गनी और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला दोनों ने 14 जून को हुए चुनाव में जीत का दावा किया था। जिसके बाद अफगानिस्तान में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। हालांकि, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के दबाव में दोनों उम्मीदवार राष्ट्रीय एकता सरकार बनाने पर सहमत हो गए। करीब 80 लाख मत पत्रों की दोबारा गिनती के बाद गनी को राष्ट्रपति चुनावों में विजयी घोषित किया गया। शपथ ग्रहण समारोह में गनी ने कहा, 'हमने सरकार के विरोधियों विशेष तौर पर तालिबान और हिजाब-ए-इस्लामी से राजनीतिक वार्ता में शामिल होने को कहा है। अगर उनकी कोई समस्या है तो उन्हें हमें बताना चाहिए ताकि कोई समाधान निकाला जा सके।' अब्दुल्ला भी मुख्य कार्यकारी के पद की शपथ लेंगे, जो प्रधानमंत्री के समानांतर एक नई भूमिका होगी।

करजई के कार्यकाल के दौरान सरकार में यह पद नहीं था। सभी शक्तियां राष्ट्रपति के पास थीं। आज काबुल-वाशिंगटन में होगा सुरक्षा समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के वरिष्ठ सलाहकार जॉन पोडेस्टा ने कहा है कि अफगानिस्तान के साथ सुरक्षा समझौते पर मंगलवार को हस्ताक्षर होंगे। काबुल स्थिति अमेरिकी दूतावास में पोडेस्टा ने कहा कि मैं यहां समझौते पर हस्ताक्षर करने आया हूं। इसके साथ ही 31 दिसंबर को नाटो फौज की पूर्व वापसी के बावजूद देश में करीब 10 हजार अमेरिकी सैनिक रह जाएंगे, जो अफगानी बलों को प्रशिक्षण देने का काम करेंगे।

पढ़ें: हेगल से मुलाकात में पीएम ने उठाया अफगानिस्तान का मुद्दा

पढ़ें: काबुल में रचा जाएगा इतिहास


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.