राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत स्वाइन फ्लू से पीडि़त
देशभर में स्वाइन फ्लू थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसका कहर बढ़ता जा रहा है। फ्लू के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान से आ रहे हैं। स्वाइन फ्लू ने अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी चपेट में लिया है।
जयपुर। देशभर में स्वाइन फ्लू थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसका कहर बढ़ता जा रहा है। फ्लू के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान से आ रहे हैं। स्वाइन फ्लू ने अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी चपेट में लिया है।
इसकी जानकारी खुद अशोक गहलोत ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर दी। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि ' मुझे भी स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आया है लेकिन मैंने समय पर इलाज शुरू कर लिया, अब इम्प्रूवमेंट है। हर व्यक्ति जागरूक रहे और समय पर इलाज ले तो इससे बचाव सम्भव है, लोगों को डरने और घबराने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने राजस्थान सरकार पर निशाना साधते हुए अपने पोस्ट में लिखा कि सरकार द्वारा पहले से समय रहते जागरूकता अभियान क्यों नहीं चलाया गया? लोगों को जानकारी के अभाव में मौत का शिकार होना पड़ रहा है। पिछली सरकार में जब यह पहली बार आया था उस वक्त से ही हमने स्वाइन फ्लू की जांच निःशुल्क कर दी थी तो अब बार-बार जांच को लेकर नाटक की जरूरत क्यों पड़ रही है?
अशोक गहलोत ने लिखा कि स्वाइन फ्लू की निःशुल्क जांच के आदेश तीन दिन बाद लागू हो रहे हैं, इससे पता चलता है कि प्रशासन और शासन कितने गंभीर हैं। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मान सिंह का राजधानी में ये हाल है तो बाकी जिलों में हालात क्या होंगे?
आपको बता दें कि राजस्थान में पिछले 30 दिनों में 38 लोग स्वाइन फ्लू का शिकार बन चुके हैं। यह आंकाड़ा अस्पतालों में इस जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए किए गए इंतजाम की नाकामी बताने के लिए काफी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के विशेषज्ञों के मुताबिक स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीजों के परिजनों को भी हाई रिस्क श्रेणी में रखा जाना चाहिए और उन्हें भी इससे बचाव की वैक्सीन दी जानी चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।
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