सरकार के जश्न के बीच मोदी 'सुनामी' को रोकने की कोशिश में सोनिया गांधी
सोनिया गांधी इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए को कड़ी चुनौती देने की रणनीति पर काम कर रही हैं। आज इसको लेकर एक अहम बैठक बुलाई है।
नई दिल्ली, एएनआई। देश में आज दो महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाओं पर नजर रहेगी। एक तरफ जहां एनडीए सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम से 15 दिवसीय 'मोदी' (मेकिंग ऑफ डेवलप्ड इंडिया) फेस्ट की शुरुआत करेंगे, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नई दिल्ली में अगले राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर एक नाम तय करने के लिए 26 गैर-एनडीए राजनीतिक पार्टियों के साथ संभावित रणनीति पर चर्चा करेंगी।
दरअसल, सोनिया गांधी इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए को कड़ी चुनौती देने की रणनीति पर काम कर रही हैं। वह अन्य पार्टियों के नेताओं से चर्चा कर रही हैं, ताकि विपक्ष की ओर से एनडीए के सामने राष्ट्रपति चुनाव में एक मजबूत प्रतिद्वंदी विरोध दर्शाने के लिए मैदान में उतारा जा सके।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए कई शीर्ष विपक्ष नेताओं के हाथ मिलाने की संभावना है। इनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सीपी(एम) नेता सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इत्यादि शामिल हैं। पार्लियामेंट हाउस में सोनिया गांधी द्वारा लंच पर आयोजित बैठक को 2019 के आम चुनावों में एनडीए का मुकाबला करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट करने की एक कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
सोनिया गांधी जो खुद ही राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो गई थीं, अब उन्होंने पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली है। जबकि पिछले काफी समय से कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ही फ्रंट सीट पर बैठे नजर आ रहे थे। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि हाल ही में आयोजित विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनावों में राहुल गांधी भाजपा के राजनीतिक लक्ष्यों को रोकने में विफल रहे हैं, इसलिए सोनिया गांधी को एक बार फिर आगे आने पर मजबूर होना पड़ा है।
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