पेशी से छूट के लिए सीएम केजरीवाल और कुमार विश्वास ने SC का दरवाजा खटखटाया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत 21 अक्टूबर को दोनों नेताओं की याचिकाएं खारिज करते हुए उन्हें ट्रायल का समाना करने को कहा था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी नेता कुमार विश्वास ने हाईकोर्ट से निराश होने के बाद सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दोनों नेताओं ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर की अदालत से जारी सम्मन पर रोक लगाने और निजी पेशी से छूट दिये जाने की मांग की है। साथ ही चुनाव रैली के दौरान उन पर दर्ज किये गये आपराधिक मामले को निरस्त करने की मांग की है। यह मामला 2014 के संसदीय चुनाव के दौरान अमेठी में रैली का है। सुप्रीमकोर्ट याचिका पर गुरूवार को सुनवाई करेगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत 21 अक्टूबर को दोनों नेताओं की याचिकाएं खारिज करते हुए उन्हें ट्रायल का समाना करने को कहा था। जिसके खिलाफ आप नेताओं ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
बुधवार को केजरीवाल और विश्वास के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कोर्ट के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए गुरुवार को मामला सुनवाई पर लगाने का निर्देश दिया।
बात ये है कि 2014 के संसदीय चुनाव में अमेठी में रैली निकालने के दौरान अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास के खिलाफ आईपीसी की धारा 143 (गैरकानूनी रूप से एकत्र होना), 186 (सरकारी कर्मचारी को कामकाज में बाधा पहुंचाना), 341 (रांगफुल रेस्ट्रेन), 353 और 171 जी (चुनाव के संबंध में गलत बयानबाजी करना) धाराओं में आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ। सुल्तानपुर की निचली अदालत ने इस मुकदमें में दोनों नेताओं को सम्मन जारी किया था।
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