विश्व की सभी पर्वत चोटियों को फतह करेंगी अरुणिमा
माउंट एवरेस्ट विजेता अरुणिमा सिन्हा पैर से निशक्त होते हुए भी दुनिया में देश का गौरव बढ़ा रही हैं। अरुणिमा का मानना है कि दृढ़ इच्छा शक्ति से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।
अंबेडकर नगर। माउंट एवरेस्ट विजेता अरुणिमा सिन्हा पैर से निशक्त होते हुए भी दुनिया में देश का गौरव बढ़ा रही हैं। अरुणिमा का मानना है कि दृढ़ इच्छा शक्ति से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।
अरुणिमा दुनिया की सभी सात पर्वत चोटियों को फतह करने का संकल्प लिया है। ट्रेन हादसे में एक पैर गवां चुकी अरुणिमा ने अपनी प्रतिभा को दबने नहीं दिया। 21 मई 2014 को अरुणिमा ने दुनिया की सबसे ऊंची एवरेस्ट चोटी फतह करने के बाद दुनिया के सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को छूने का लक्ष्य बनाया है। इसी क्रम में उन्होंने 14 मई 2014 को अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारों को फतह किया।
इसके बाद 24 जुलाई 2014 को यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्ब्रस को भी फतह किया। इस बार वह स्वयं नेतृत्व कर रही थीं। 19 जुलाई 2014 को उन्होंने यूरोप के मरलीवाड़ी में एल्ब्रस चोटी पर चढ़ाई शुरू की थी। उनके साथ टीम में हिमाचल प्रदेश की आकृति व जयपुर की सांची सोनी भी थीं। टीम को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तिरंगा देकर दिल्ली से रवाना किया था। अपने साहस व जोश से अरुणिमा सिन्हा ने इस चोटी को भी फतह करने में सफलता प्राप्त की। अरुणिमा ने कहा कि पर्वतारोहण को बढ़ावा देने की मंशा है। सितंबर में छह लड़कियों को पर्वतारोहण का प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।