फिर बुकर पुरस्कार की होड़ में अरुंधति रॉय
प्रतिष्ठित मैन बुकर पुरस्कार के लिए चुने गए 13 लेखकों की पहली सूची में अरुंधति रॉय को जगह दी गयी है।
लंदन (आइएएनएस)। लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय 20 साल बाद फिर मैन बुकर पुरस्कार की होड़ में शामिल हुई हैं। उपन्यास 'द मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस' के लिए उन्हें इस साल की पहली सूची में शामिल किया गया है। 1997 में उपन्यास 'गॉड ऑफ स्माल थिंग्स' के लिए रॉय को बुकर पुरस्कार से नवाजा गया था।
'द मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस' उपन्यास एक भारतीय ट्रांसजेंडर महिला के जीवन पर आधारित है। जजों ने इसे एक समृद्ध और संवेदनशील उपन्यास बताया है। इस साल सूची में जगह बनाने वाली रॉय इकलौती ऐसी लेखिका है, जिन्हें पहले भी इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। उनके अतिरिक्त सूची में चार ऐसे लेखक शामिल हैं, जो पहले भी पुरस्कार के लिए नामित हो चुके हैं, लेकिन जीत नहीं सके। इनमें लेखक अली स्मिथ को 'ऑटम' के लिए सूची में शामिल किया गया है। वहीं जेडी स्मिथ को उनकी कहानी 'स्विंग टाइम', सेबेस्टियन बेरी को 'डेज विथाउट एंड' और मोहसिन हामिद को 'एक्जिट वेस्ट' के लिए सूची में शामिल किया गया है। सूची में भारत की अरुंधति के अलावा चार ब्रिटिश, चार अमेरिकी, दो आइरिश और दो ब्रिटिश पाकिस्तानी लेखकों को शामिल किया गया है।
13 लोगों की इस पहली सूची में से अगले चरण में छह नाम चुने जाएंगे। इन छह नामों की घोषणा 13 सितंबर को होगी। बुकर पुरस्कार विजेता के नाम का एलान 17 अक्टूबर को किया जाएगा। पिछले साल अमेरिकी लेखक पॉल बेटी को 'द सेलआउट' के लिए मैन बुकर पुरस्कार मिला था।
मैन बुकर पुरस्कार
मैन बुकर पुरस्कार फॉर फिक्शन जिसे लघु रूप में मैन बुकर पुरस्कार या बुकर पुरस्कार भी कहा जाता है। कॉमनवैल्थ या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए हर वर्ष दिया जाता है।
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