सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आरोपी जांच में मदद करे तो गिरफ्तारी से बचें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि आरोपी जांच में सहयोग कर रहा है तो उसे गिरफ्तार करने से बचा जाए। अदालत ने इसका कारण साफ करते हुए कहा है कि गिरफ्तारी से बड़ी बदनामी, अपमान और कलंक जुड़ा हुआ है। अदालत ने यह राय यौन प्रताडऩा के एक 17
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि आरोपी जांच में सहयोग कर रहा है तो उसे गिरफ्तार करने से बचा जाए। अदालत ने इसका कारण साफ करते हुए कहा है कि गिरफ्तारी से बड़ी बदनामी, अपमान और कलंक जुड़ा हुआ है। अदालत ने यह राय यौन प्रताडऩा के एक 17 वर्ष पुराने मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए दी है।
जस्टिस एके सीकरी और आरएफ नारिमन की पीठ ने कहा कि अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई में आरोप की गंभीरता और आरोपी की सटीक भूमिका को अनिवार्य रूप से विचार किया जाए। इतना ही नहीं गिरफ्तारी से पहले अधिकारी मामले की डायरी में गिरफ्तारी के वैध कारण का अनिवार्य रूप से उल्लेख करे।
पीठ ने कहा, 'वैसे मामले में जिसमें अदालत के विचार से आरोपी जांच में शामिल रहा है और उसने जांच एजेंसी का पूरा साथ दिया है। वह भाग नहीं सकता है तो उस स्थिति में हिरासती पूछताछ से बचना चाहिए।'