अलविदा कलाम
पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा। लेकिन कले से ही उनकी आखिरी झलक पाने के लिए लोगों का विशाल हुजूम उमड़ पड़ा है, जिसमें खासकर स्कूल और कॉलेज के छात्र शामिल है। ‘मिसाइल मैन’ का पार्थिव शरीर रामेश्वरम में कल लाया गया और
रामेश्वरम (तमिलनाडु)। जनता के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को बृहस्पतिवार को यहां उनके पैतृक शहर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। 'भारत माता की जय नारे के बीच जब उन्हें मिट्टी दी जा रही थी तो 'मिसाइल मैन को हमेशा के लिए विदा करने जुटे हजारों लोगों की घनीभूत संवेदना द्रवीभूत हो आंखों के रास्ते उस मिट्टी को नमन कर रही थी जहां यह 'भारत रत्न पैदा हुआ।
पारिवारिक मस्जिद में जनाजे की नमाज के बाद कलाम के राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे पार्थिव शरीर को जब फूलों से सजी गाड़ी में साढ़े तीन किलोमीटर दूर दफनाने के लिए ले जाया जा रहा था तो उनकी एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग घरों की छतों और पेड़ों पर चढ़े हुए थे। पूरा रास्ता 'भारत माता की जय नारे से गूंजता रहा। उनके वाहन के साथ तीनों सेनाओं के जवान थे। उनका अंतिम संस्कार मौलवी एसएम अब्दुल रहमान की रहनुमाई में हुआ। कलाम को करीब डेढ़ एकड़ में फैले जमीन के बीचोबीच दफनाया गया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा इसी शहर में हुई थी। उनके अंतिम संस्कार में भाग लेने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू, तमिलनाडु के राज्यपाल के रोसैया, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी थे। कनार्टक, केरल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री क्रमश: सिद्दरमैया, ओमन चांडी और चंद्रबाबू नायडू के अलावा माकपा नेता वीएस अच्युतानंदन भी पहुंचे थे। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने स्वास्थ्य के कारणों से अंतिम संस्कार में भाग लेने में असमर्थता जता दी थी लेकिन ओ पन्नीरसेल्वम सहित उनके मंत्रिमंडल के सात सदस्य अंतिम संस्कार में सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को अवकाश घोषित कर रखा था। कलाम को दूर-दूर से श्रद्धांजलि देने पहुंची जनता को रामकृष्ण मठ और स्थानीय रोटरी क्लब भोजन-पानी मुहैया कराया। कलाम को सोमवार की शाम आइआइएम शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया था।
सख्त सुरक्षा व्यवस्था
इस अवसर पर जुटे अतिविशिष्ट लोगों को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत सख्त की गई थी। विशेष पोत के साथ नौसेना, तटरक्षक बल और समुद्री पुलिस को समुद्र तट और शहर के आसपास तैनात किया गया था।
मोदी ने कलाम के बड़े भाई के चरण छुए, बंधाया ढाढस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारी सुरक्षा के बीच विशेष हेलीकॉप्टर से मंडपम पहुंचे और बुलेटप्रूफ कार में यहां पहुंचे। वह कलाम को श्रद्धांजलि देने के बाद उनके शव के समक्ष कुछ देर मौन खड़े रहे। फिर हाथ जोड़कर शव की परिक्रमा भी की। बाद में उन्होंने थोड़ी दूरी पर बैठे रो रहे कलाम के 99 वर्षीय बड़े भाई मुहम्मद मुथु मीरा लेब्बई मरईकर के पास जाकर उनके पैर छुए और कुछ देर बैठकर परिवार के सदस्यों को ढाढस बंधाया।