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70वीं वर्षगांठ पर भारत-रूस अपने संबंधों को इस तरह से देंगे नया आयाम

रूस की सामाचार एजेंसी तास को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि इस दौरान उच्च स्तरीय यात्राओं, विशेष स्वागत, द्विपक्षीय सम्मेलनों और गोल मेज, विषयगत प्रदर्शनियों और विशेष डाक टिकट जारी किए जाएंगे।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 27 Jan 2017 02:35 AM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2017 09:19 AM (IST)
70वीं वर्षगांठ पर भारत-रूस अपने संबंधों को इस तरह से देंगे नया आयाम
70वीं वर्षगांठ पर भारत-रूस अपने संबंधों को इस तरह से देंगे नया आयाम

नई दिल्ली,जेएनएन । भारत और रूस के संबंध हमेशा से ही मजबूत रहे हैं। इस साल 13 अप्रैल को दोनों देश अपनी साझेदारी की 70वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। इस मौके पर राजनीति, व्यापारिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। रूस में भारत के राजदूत पंकज शरण ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

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रूस की सामाचार एजेंसी तास को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि इस दौरान उच्च स्तरीय यात्राओं, विशेष स्वागत, द्विपक्षीय सम्मेलनों और गोल मेज, विषयगत प्रदर्शनियों और विशेष डाक टिकट जारी किए जाएंगे। शरण ने कहा कि भारत अपने देश के राज्यों के मुख्यमंत्रियों और रूस के राज्यों के प्रमुखों के बीच बैठक आयोजित करने की योजना बना रहा है। यही नहीं उन्होंने उम्मीद जताई कि रूस के सेंट पीटर्सबर्ग, सोची और व्लादिवोस्तोक में भारत अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक फोरम में सक्रिय भूमिका निभाए।

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शरण से जब पूछा गया कि भारत-रूस के बीच व्यापार अभी भी 10 अरब डालर से नीचे है, उन्होंने समझाते हुए कहा कि इसके पीछे चार कारण है। शरण ने कहा कि दोनों देश अभी भी एक दूसरे के बाजार को अच्छी तरह से नहीं जानते हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक लेनदेन उस स्तर पर नहीं पहुंचा है जहां तक वे एक दूसरे की व्यापारिक जरूरतों को समझ सकें। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें इसका विस्तार करना होगा। अंत में शरण ने कहा कि दोनों देशों के परिवहन की व्यवस्था अच्छी करनी होगी।

लेकिन उन्होंने कहा कि परिवहन के स्तर पर जल्दी ही चीजों में बड़ा सुधार होगा। शरण ने जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर जल्दी ही बेहचर काम होगा, इस पर भारत,रूस, अजरबैजान और ईरान मिलकर काम कर रहे हैं, इस रास्ते से परिवहन में लगने वाला वक्त भी कम होगा।

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