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लंबी नहीं चलेगी अजित-अमर की दोस्ती

रालोद प्रमुख अजित सिंह और अमर सिंह की पांच माह पुरानी दोस्ती दरकती दिख रही है। लोकसभा चुनाव के बाद अमर सिंह व पूर्व सांसद जयाप्रदा रालोद से किनारा किए हुए हैं। पार्टी की बैठकों में भाग लेना तो दूर, वे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने भी नहीं पहुंचे। दूरियां

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 08:36 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 08:43 AM (IST)
लंबी नहीं चलेगी अजित-अमर की दोस्ती

लखनऊ, जागरण ब्यूरो। रालोद प्रमुख अजित सिंह और अमर सिंह की पांच माह पुरानी दोस्ती दरकती दिख रही है। लोकसभा चुनाव के बाद अमर सिंह व पूर्व सांसद जयाप्रदा रालोद से किनारा किए हुए हैं। पार्टी की बैठकों में भाग लेना तो दूर, वे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने भी नहीं पहुंचे। दूरियां बढ़ते देख माना जा रहा है कि अजित-अमर की जोड़ी अब अधिक दिनों तक बनी रहने वाली नहीं है।

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रालोद के भीतर एक खेमा अमर सिंह व जयाप्रदा का शुरुआत से ही विरोधी रहा है। उनका कहना है कि अमर सिंह को लेने से कोई लाभ नहीं होना है वरन कार्यकर्ताओं का मनोबल ही कम होगा। चुनाव नतीजे आने के बाद अमर सिंह विरोधी खेमा सक्रिय हो गया है। बता दें कि बिजनौर क्षेत्र से रालोद ने सांसद संजय चौहान का टिकट काटकर जयाप्रदा को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन दांव उलटा पड़ा। कांग्रेस और रालोद की संयुक्त प्रत्याशी जयाप्रदा को मात्र 24348 मत ही हासिल हो सके। उधर फतेहपुर सीकरी संसदीय क्षेत्र से अमर सिंह को भी 24185 वोट ही मिले। इसके बाद से रालोद से उनकी यह दोस्ती बेमतलब दिखने लगी।

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