Move to Jagran APP

अक्षरधाम मंदिर ने लगाए पर्यटन में चार चांद

पूर्वी दिल्ली,स्वदेश कुमार। विश्व प्रसिद्ध हिंदू मंदिर परिसर स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का पर्यटन की दृष्टि से दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। खासकर, इसने पूर्वी दिल्ली को विदेशी पर्यटकों से जोड़ने का काम किया है। अनुमानत यहां एक साल में करीब 10 लाख लोग पहुंचते हैं।

By Edited By: Published: Fri, 18 Jul 2014 10:16 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jul 2014 10:19 AM (IST)
अक्षरधाम मंदिर ने लगाए पर्यटन में चार चांद

पूर्वी दिल्ली,स्वदेश कुमार। विश्व प्रसिद्ध हिंदू मंदिर परिसर स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का पर्यटन की दृष्टि से दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। खासकर, इसने पूर्वी दिल्ली को विदेशी पर्यटकों से जोड़ने का काम किया है।

loksabha election banner

अनुमानत यहां एक साल में करीब 10 लाख लोग पहुंचते हैं। इसमें पांच से दस फीसद भागीदारी विदेशी पर्यटकों की भी रहती है। सर्दी के मौसम में यहां विदेशी पर्यटकों की भीड़ बढ़ जाती है। करीब सौ एकड़ भूमि पर बना यह मंदिर 2007 में गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्डस में शामिल हो चुका है।

पूर्वी दिल्ली वैसे पर्यटन के लिहाज से काफी पिछड़ा हुआ था। यहां कोई ऐसा स्थल नहीं था, जहां विदेशी पर्यटक घूमने-फिरने के लिए आएं। 6 नवंबर 2005 को इसके औपचारिक रूप से अस्तित्व में आने के बाद न सिर्फ दूसरे राज्यों, बल्कि अन्य देशों के पर्यटकों का जमावड़ा भी यहां लगने लगा।

सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से इसका अलग महत्व है। पर्यटकों को पूर्वी दिल्ली से जोड़ने में अक्षरधाम मंदिर ने प्रमुख भूमिका निभाई है। पूर्वी दिल्ली को जोड़ने के साथ ही आज यह दिल्ली व देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हो गया है। अक्षरधाम मंदिर 10 हजार वर्ष पुरानी भारतीय संस्कृति के प्रतीक को बहुत विस्मयकारी, सुंदर, बुद्धिमत्तापूर्ण और सुखद रूप से प्रस्तुत करता है। यह भारतीय शिल्पकला, परंपराओं और प्राचीन आध्यात्मिक संदेशों के तत्वों को शानदार ढंग से दिखाता है।

अक्षरधाम एक ज्ञानवर्धक यात्र का ऐसा अनुभव है, जो मानवता की प्रगति, खुशियों और सौहार्दता के लिए भारत की शानदार कला, मूल्यों और योगदान का वर्णन करता है। मंदिर को वास्तु शास्त्र और पंचरात्र शास्त्र की बारीकियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कुल मिलाकर अक्षरधाम मंदिर भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और आध्यात्मिकता के लिए एक सच्चा चित्रण है। इस मंदिर परिसर को पूरा बनने में पांच साल का समय लगा, जिसे अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज के कुशल नेतृत्व में पूरा किया गया।

मंदिर की खासियत यह भी है कि इसमें स्टील, इस्पात या कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। ये मंदिर गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर के मिश्रण से बनाया गया है।

हॉल ऑफ वैल्यूज

यह अहिंसा, ईमानदारी और आध्यात्मिकता का उल्लेख करने वाली फिल्मों और रोबोटिक शो के माध्यम से चिरस्थायी मानव मूल्यों का अनुभव कराता है।

परंपरा और संस्कृति का अनुभव

नीलकंठ नामक एक योगी की अविश्वसनीय कथा के माध्यम से भारत की जानकारी दी जाती है, जिसमें भारतीय रीति-रिवाजों को संस्कृति और आध्यात्मिकता के माध्यम से जीवन दर्शन में उतारा गया है।

नौका विहार

नौका विहार में लोगों को भारत की शानदार विरासत के 10 हजार वर्षो का एहसास कराता है। भारत के ऋषियों और वैज्ञानिकों की खोजों और आविष्कारों की जानकारी दी जाती है। विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला, अजंता-एलोरा गुफाओं और प्राचीन काल से ही मानवता के प्रति भारत के योगदान का दर्शन कराया जाता है।

संगीतमय फव्वारा

एक दर्शनीय संगीतमय फव्वारा शो भी होता है, जिसमें भारतीय दर्शन के अनुरूप जन्म, जीवनकाल और मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है।

गार्डन ऑफ इंडिया

साठ एकड़ में हरियाली और कांस्य की उत्कृष्ट प्रतिमाएं भारत के उन बाल-वीरों, वीर योद्धाओं, देशभक्तों और महान महिला विभूतियों का सम्मान किया गया है, जो मूल्यों और चरित्र के प्रेरणास्त्रोत रहे हैं।

पढ़ें : अक्षरधाम हमले के दो आरोपी बरी

पढ़ें : अक्षरधाम मंदिर की रुपरेखा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.