यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर घोषणा पत्र तैयार कराने में जुटे अखिलेश
चुनाव आयोग आने वाले कुछ ही दिनों में यूपी में चुनावी शंखनाद का एलान कर सकता है। इसको देखते हुए अखिलेश यादव भी घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी कुनबे की कलह शांत करने की कोशिशों के बीच ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनावी तैयारियों पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। एक दो दिन के भीतर ही आचार संहिता लागू होने की संभावना को देखते हुए अखिलेश खेमा तैयारियों को तेजी से परवान चढ़ा रहा है। अखिलेश की कोर टीम के एक सदस्य का कहना है कि अगर पार्टी से अलग चुनाव में जाना पड़ा तो ज्यादा मजबूत तैयारी की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए घोषणा-पत्र तैयार करने को फीड बैक लेने का काम आरंभ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश के लिए आगामी चुनाव अपने सियासी जीवन की सबसे बड़ी चुनौती होगी। पार्टी में बगावत कर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कुर्सी संभालने के बाद चुनौती अधिक जटिल हो गयी है। घोषणा पत्र को तैयार करने के लिए कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी सहित कई विधायकों को लगाया गया। शनिवार को संपन्न विधायकों की बैठक में भी घोषणा पत्र को लेकर सुझाव मांगे गए थे।
क्षेत्रीय समस्याएं भी मांगी :
मुख्यमंत्री ने समर्थक विधायकों से अपने क्षेत्रों की प्रमुख समस्याओं की जानकारी देने को भी कहा है। अखिलेश द्वारा जारी प्रथम सूची में 236 प्रत्याशियों के नाम दर्ज है और उन सभी को अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार में जुटने का निर्देश भी दिया जा चुका है।
गत वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में लैपटाप और टैबलेट वितरित करने की तरह इस बार मुफ्त मोबाइल फोन बांटना अखिलेश यादव के घोषणा पत्र में मास्टर स्ट्रोक होगा। इसके अलावा प्रत्येक जिले में एक मॉडल शहर विकसित करने का भी वादा किया जाएगा। पुलिस, पीएसी में भर्ती के साथ अल्पसंख्यकों को नौकरियों में प्राथमिकता का वादा भी इस घोषणा पत्र में होगा।