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पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने राफेल सौदे पर उठाए गंभीर सवाल

पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके अंटनी ने राफेल सौदे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। एंटनी ने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए इस लड़ाकू विमान के चुने जाने को लेकर कुछ गंभीर प्रश्न हैं। उन्होंने पूछा कि कैसे राजग सरकार ने इस लड़ाकू विमान का सौदा

By Sudhir JhaEdited By: Published: Sat, 23 May 2015 05:17 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2015 05:47 PM (IST)
पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने राफेल सौदे पर उठाए गंभीर सवाल

नई दिल्ली। पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके अंटनी ने राफेल सौदे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। एंटनी ने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए इस लड़ाकू विमान के चुने जाने को लेकर कुछ गंभीर प्रश्न हैं। उन्होंने पूछा कि कैसे राजग सरकार ने इस लड़ाकू विमान का सौदा किया।

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गौरतलब है कि भारत ने फ्रांस के साथ द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देते हुए फ्रांस की कंपनी राफेल से 36 जेट विमान खरीदने का फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद पक्की कर दी।

फ्रांस में राफेल का मतलब तूफान होता है। अगर राफेल की खासियतों पर नजर डालें तो भारतीय वायु सेना में इसको शामिल किए जाने के बाद पाकिस्तान और भारत इसके जद में आ जाएंगे और इसके तूफान में पाकिस्तान और चीन उड़ जाएंगे। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने राफेल डील को अच्छा सौदा बताते हुए कहा कि ये सौदा बेहतर शर्तों पर किया गया एक बेहतरीन सौदा है और आने वाले दो वर्षों के भीतर राफेल लड़ाकू विमान शामिल कर लिए जाएंगे।

क्या है राफेल विमान की खासियत?

यह एक बहुउपयोगी लड़ाकू विमान है। दासौल्ट कंपनी अक्टूबर 2014 तक 133 विमानों का निर्माण कर चुकी है। इस प्रोजेक्ट की लागत 62.7 बिलियन है। एक विमान की लागत 70 मिलियन आती है। इसकी लंबाई 15.27 मीटर है और इसमें एक या दो पायलट बैठ सकते हैं।

जानकार बताते हैं कि राफेल ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। हालांकि अधिकतम भार उठाकर इसके उड़ने की क्षमता 24500 किलोग्राम है। विमान में ईंधन क्षमता 4700 किलोग्राम है। राफेल की अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 किमी प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 37किलोमीटर है। इसमें १.३० द्वद्व की एक गन लगी होती है जो एक बार में १२५ राउंड गोलियां निकाल सकती है।

इसके अलावा इसमें घातक एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर, एमबीडीए अपाचे, स्टोर्म शैडो एससीएएलपी मिसाइलें लगी रहती हैं। इसमें थाले आरबीई-2 रडार और थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम लगा होता है। साथ ही इसमें ऑप्ट्रॉनिक सेक्योर फ्रंटल इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैक सिस्टम भी लगा है।

पढ़ेंः राफेल विमानों की खरीद वायुसेना की प्राथमिकता में


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