नई चुनौतियों से निबटने को एयरटेल तैयार
कंपनी की तरफ से ग्राहकों को एक अच्छी खबर डाटा सर्विस की दरों में और गिरावट के तौर पर भी मिलने के आसार हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । वोडाफोन-आइडिया के विलय से उत्पन्न चुनौतियों को भांपते हुए देश की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी एयरटेल ने इससे निपटने की तैयारी शुरु कर दी है। एयरटेल न सिर्फ ग्राहक सेवा की गुणवत्ता में बड़े सुधार करने के लिए कमर कस रही है बल्कि मार्केटिंग व ब्रांडिंग को लेकर भी कंपनी की धार पहले से तेज होगी। चुनौतियों के मद्देनजर एयरटेल के पूंजीगत खर्चो में भी अगले वित्त वर्ष के दौरान अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी। कंपनी की तरफ से ग्राहकों को एक अच्छी खबर डाटा सर्विस की दरों में और गिरावट के तौर पर भी मिलने के आसार हैं।
वोडाफोन व आइडिया के बीच विलय की वार्ता शुरु होने के साथ ही एयरटेल ने भारतीय बाजार में अपनी रणनीति को आक्रामक धार देने की तैयारी शुरु कर दी थी। इस बारे में अगले महीने के मध्य तक कुछ बड़ी घोषणाएं होंगी। कंपनी मार्केटिंग व ब्रांडिंग की लंबी अवधि की रणनीति लागू करेगी। अगले तीन वर्षो में इस पर 10 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इसके तहत युवा वर्ग में एयरटेल ब्रांड को और मजबूत करने की कोशिश होगी। नेटवर्क की खामियों को दुरुस्त करने की कोशिश पहले से ही शुरु हो गई इसे और तेज किया जाएगा।
दूरसंचार क्षेत्र की जानकारों की मानें तो वोडाफोन व आइडिया का विलय एयरटेल के लिए रिलायंस जियो से भी ज्यादा चुनौती पैदा कर सकता है। एयरटेल को इन दोनों कंपनियों के बेहद बड़े नेटवर्क व ग्राहक आधार से चुनौती मिलेगी तो दूसरी तरफ इसे रिलायंस जियो के बेहद आकर्षक टैरिफ (सेवा चार्ज) से भी मुकाबला करना होगा।
ओकला ने दिया एयरटेल का साथ
उधर, मोबाइल नेटवर्क की स्पीड बताने वाली कंपनी ओकला ने इस बात का खंडन किया है कि उसका आकलन गलत है। उसने एयरटेल के इस दावे का समर्थन किया है कि उसका नेटवर्क सबसे तेज सेवा देता है। सनद रहे कि एयरटेल इस आकलन के आधार पर अपने नेटवर्क को सबसे तेज बताते हुए विज्ञापन करता है। और पिछले दिनों ने रिलायंस जियो ने इस विज्ञापन व दावे के खिलाफ एडवर्टाइजिंग काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत की है और विज्ञापन को वापस लेने की मांग की है।