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विमानों में देरी की वजह से यात्रियों को करोड़ों का हर्जाना दे रहा एयर इंडिया

सिविल एविएशन के डायरेक्‍टरेट जनरल द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट के अनुसार, औसतन अन्‍य एयरलाइंस प्रति माह 2-3 लाख भुगतान कर रही है जबकि एयरइंडिया को 60 लाख देना पड़ रहा है।

By Monika minalEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 11:10 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 11:20 AM (IST)
विमानों में देरी की वजह से यात्रियों को करोड़ों का हर्जाना दे रहा एयर इंडिया

नई दिल्ली। एयर इंडिया के विमानों में लगातार हो रही देरी से परेशान यात्रियों द्वारा करोड़ों की रकम हर्जाने के रूप में मांगा जा रहा है। पिछले पांच माह से एयरइंडिया विमानों में हो रही देरी के कारणों में विमान के क्रू मेंबर्स की मुख्य भूमिका है, इस वजह से आर्थिंक तंगी झेल रहे एयरइंडिया को 3 करोड़ हर्जाने के भुगतान के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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एयरपोर्ट पर घंटों परेशान रहने वाले करीब दो लाख यात्रियों ने इस बात की शिकायत की है। समय का पाबंद न होने के कारण इस एयरलाइन के पर्यटकों की संख्या में भी कमी आयी है। दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रत्येक 30 मिनट पर सुनिश्चित विमान देर होती है। स्थिति इतनी खराब है कि एयर इंडिया का कुल मुआवजा भारतीय विमानन द्वारा भुगतान का लगभग 80 फीसदी है।

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सिविल एविएशन के डायरेक्टरेट जनरल द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट के अनुसार, औसतन अन्य एयरलाइंस प्रति माह 2-3 लाख भुगतान कर रही है जबकि एयरइंडिया को 60 लाख देना पड़ रहा है।

गत माह, एयरइंडिया ने देरी से प्रभावित यात्रियों को 72 लाख रुपये का भुगतान किया था। हर्जाने के अतिरिक्त, एयरलाइन को खाना, एकॉमडेशन, ट्रांजिट, रिफंड्स भी उपलब्ध कराना पड़ा था जिससे इसपर लागत काफी अधिक पड़ा। रिपोर्ट्स के अनुसार एयरइंडिया को करीब कुल 28,000 करोड़ रुपये का खर्च पड़ता है।

इस हफ्ते विमान में देरी की वजह से केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू भी परेशानी में फंस गए थे जिसकी वजह से इसे उनकी आलोचना का भी सामना करना पड़ा। परेशान मंत्री ने अपनी निराशा सिलसिलेवार ट्वीट्स के जरिए बयान किया।

नायडु ने बताया कि 1.15 पर हैदराबाद के अपने विमान के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर दोपहर करीब 12.30 बजे पहुंच गए, लेकिन उन्हें केवल यह कहा गया कि पायलट नहीं पहुंचा है। इस संबंध में मेल टुडे ने एयर इंडिया से संपर्क साधा पर कंपनी ने कमेंट करने से इंकार कर दिया।

एयर इंडिया के अनुसार, नायडु के विमान का पायलट जल्दी एयरपोर्ट आने के लिए अपनी कार से आ रहा था पर समय पर नहीं पहुंच सका। कंपनी ने कहा कि दो ड्राइवर को भी समय भर भेजा गया पर ट्रैफिक में फंसे होने के कारण वे भी नहीं पहुंच सके। तब तक कैप्टन जीपीएस गिल भी अपनी गाड़ी से एयरपोर्ट से निकल चुके थे।

नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, ‘नियम को मानते हुए एयरइंडिया अपने यात्रियों को हर्जाने के रुप में बड़ी राशि का भुगतान कर रही है।‘

एक अन्य वरिष्ठ एयरलाइन अधिकारी ने कहा, ‘एयरलाइंस को विमान में देरी या रद हो जाने की स्थिति में यात्रियों को हर्जाने के अलावा रिफ्रेशमेंट, रिफंड्स, एकोमोडेशन आदि भी उपलब्ध कराना पड़ता है। लेकिन, शायद ही कभी कैरियर नियमों का पालन करते हैं और इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराने में समय नष्ट करें। यदि कोई एयरलाइन हर्जाने की बड़ी राशि का भुगतान कर रहा है यानि की उसकी सर्विस खराब है।‘ डीजीसीए के अनुसार, मई में इसे 782 शिकायत मिले जिसमें से 303 एयरइंडिया के यात्री हैं।

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अप्रैल में नेशनल करियर का नाम शिकायतों की लिस्ट में सबसे उपर था। डीजीसीए को मिले 674 शिकायतों में से 228 एयरइंडिया के यात्रियों का था। ये शिकायत कस्टम सर्विस, सामान व विमान के अंदर के मुद्दों से संबंधित था। एयरइंडिया के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर अश्वनी लोहानी ने इंडियन एयरलाइंस के साथ कंपनी के विलय को दोषी बताया।

वक्त पर रहने के मामले में एयर इंडिया के रिकॉर्ड सबसे बुरे हैं। ताजा डाटा के मुताबिक एयर इंडिया की सिर्फ 74 फीसदी फ्लाइट ही टाइम पर उड़ान भरती या लैंड करती हैं। वहीं एयर एशिया की 90 फीसदी फ्लाइट टाइम पर होती हैं। विस्तारा की 85 फीसदी, इंडिगो की 83 फीसदी और जेट की 82 फीसदी उड़ानें टाइम पर होती हैं।


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