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ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगी एजेंसियां

सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयरसेल-मैक्सिस डील में हुए घोटाले के पुख्ता सबूत अदालत में पेश किये गए थे।

By Manish NegiEdited By: Published: Sun, 02 Apr 2017 07:58 PM (IST)Updated: Sun, 02 Apr 2017 08:39 PM (IST)
ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगी एजेंसियां
ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगी एजेंसियां

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एयरसेल मैक्सिस डील घोटाले में ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ इस हफ्ते जांच एजेंसियां हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआइ दोनों एक साथ निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने का निर्णय लिया है। ईडी की अपील बनकर तैयार और सीबीआइ की अपील को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ट्रायल कोर्ट ने एयरसेल मैक्सिस डील घोटाले में सीबीआइ की चार्जशीट को ही निरस्त कर दिया था, इससे ईडी का मनी लांड्रिंग का केस भी गिर गया था।

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सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयरसेल-मैक्सिस डील में हुए घोटाले के पुख्ता सबूत अदालत में पेश किये गए थे। यही नहीं, इस डील के एवज में तत्कालीन संचार मंत्री दयानिधि मारन की पारिवारिक कंपनी सन टीवी में निवेश के रूप में दी गई रिश्वत की रकम की पहचान भी कर ली गई थी और ईडी ने इसे जब्त भी कर लिया था। लेकिन ट्रायल कोर्ट का कहना था कि ये सारे सबूत केस डील में हुए भ्रष्टाचार के आरोप को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब हाईकोर्ट फैसला करेगा कि एजेंसियों के जुटाए सबूत आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त है या नहीं।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कानूनी विशेषज्ञों की सलाह थी कि ट्रायल कोर्ट ने फैसला सुनाते समय जांच एजेंसियों के सबूतों को नजरअंदाज किया है और इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जानी चाहिए। कानूनी विशेषज्ञों की राय के बाद ईडी और सीबीआइ दोनों ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि इसी हफ्ते यह अपील दाखिल कर दी जाएगी।

गौरतलब है कि 2005 से 2007 के दौरान केंद्रीय संचार मंत्री रहे दयानिधि मारन पर एयरसेल को मलेशियाई कंपनी मैक्सिस को बेचने के लिए दवाब बनाने का आरोप है। एयरसेल के मूल मालिक एस शिवशंकरन का कहना था कि उसकी कंपनी के स्पेक्ट्रम आवंटन के अनुरोध को लंबे तक लटकाए रखा गया और तब तक जारी नहीं किया गया, जब तक उसने इसे मैक्सिस को बेच नहीं दी। सीबीआइ और ईडी ने पूरे मामले की जांच करने के बाद दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन समेत मैक्सिस के मालिक और वरिष्ठ अधिकारियों को आरोपी बनाया था।

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