वर्जिनिटी टेस्ट करवाकर की शादी, फिर भी खत्म नहीं हुआ वैज्ञानिक पति का शक
शक्की पति ने पहले तो अपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियर होनेवाली पत्नी से वर्जिनीटी टेस्ट कराने को कहा। लेकिन, टेस्ट में सफल रहने पर भी उसे विश्वास नहीं हुआ।
बेंगलुरू। शादी से ठीक दो महीने पहले होनेवाले वैज्ञानिक पति ने 31 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर मेघा के सामने ये शर्त रख दी कि वो सबसे पहले अपने वर्जिनिटी टेस्ट यानी कौमार्य जांच कराए ताकि उसकी सत्यनिष्ठा का पता चल सके। मेघा ने होनेवाले पति की इन शर्तों को सुनने के बाद पहले तो खुद को अपमानित महसूस किया लेकिन बजाय मना करने के उसने इस जांच को कराने के लिए सहमत हो गयी।
उसके फौरन बाद ही मेघा को होनेवाली दोनों ननद राजाजीनगर अस्पताल में जांच के लिए ले गई। लेकिन, अस्पताल की इस जांच में मेघा सफल रही और उसके बाद साल 2011 में शादी हो गई।
पति के इस गैर जिम्मेदाराना शर्त के चलते मेघा को काफी दिक्कत हुई लेकिन जांच में पास होने के बाद उसमें काफी आत्मविश्वास आया। लेकिन शक्की इंजीनियर पति को लग रहा था कि मेघा ने जांच में उसे धोखा दिया है। जिसके बाद उसकी असुरक्षा कई मायनों में सामने आने लगी और इंजीनियर पति लगातार मानसिक तौर पर उसे परेशान करने लगा।
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शादी के पांच वर्षों के बाद परेशान मेघा ने पुलिस से अपने शक्की पति और उसको मदद करने के आरोप में अपने ससुर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ देहज प्रताड़ना का केस दर्ज किया है।
पुलिस के मुताबिक, दोनों की जान-पहचान मेट्रोमोनियल वेबसाइट के जरिए 2011 में हुई थी। उस वक्त मेघा का पति विदेश से पीएचडी कर रहा था। वो जब छुट्टियों में भारत आया उस समय दोनों की सगाई हुई थी। सगाई के बाद मेघा के मंगेतर ने फेसबुक पर मेघा की तरफ से डाले गए कुछ ऐसे फोटोग्राफ्स देखे जिसमें मेघा अपने कुछ दोस्तों के साथ थी तो उसे मेघा पर शक हुआ। जिसके बाद उसके मंगेतर ने मेघा से इस बात पर जोर दिया कि अगर वो अपनी शादी चाहती हो तो वो अपना वर्जिनिटी टेस्ट कराए।