मीटबैन के बाद अब बकरीद पर सब्जियों को बैन करने की उठी मांग
जैनियों के त्यौहार 'पयूर्षण पर्व' और हिन्दुओं के त्यौहार 'गणेश चतुर्थी' के अवसर पर कई राज्यों में मीट पर प्रतिबंध के बाद अब मुस्लिमों के त्यौहार बकरीद पर सब्जियों को प्रतिबंधित करने की मांग उठने लगी है। बेंगलुरू के फलाह फैसल ने ऑनलाइन पीटिशन लगा कर सरकार से मांग की
नई दिल्ली। जैनियों के त्यौहार 'पयूर्षण पर्व' और हिन्दुओं के त्यौहार 'गणेश चतुर्थी' के अवसर पर कई राज्यों में मीट पर प्रतिबंध के बाद अब मुस्लिमों के त्यौहार बकरीद पर सब्जियों को प्रतिबंधित करने की मांग उठने लगी है। बेंगलुरू के फलाह फैसल ने ऑनलाइन पीटिशन लगा कर सरकार से मांग की कि 25 सितम्बर को बकरीद के दौरान सब्जियों पर प्रतिबंध लया जाए। इस पीटिशन पर अब तक 1200 से अधिक लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं।
फलाह फैसल का कहना है, 'बेंगलुरू में गणेश चतुर्थी के समय मीट बैन था। हालांकि बहुत दबाव नहीं डाला गया था तो मैंने सोचा कि ईद पर क्यों न सब्जियां खाने की मनाही हो। जाहिर है मैंने तंज में ये सोचा था और ऑनलाइन पर भी तंज में ही ये पीटिशन डाला।'
फलाह फैसल की पीटिशन में कहा गया है कि 'पौधों में भी भावनाएं होती हैं और हमें अपने मेहनतकश किसानों को भी एक दिन का आराम देना चाहिए।' उन्होंने लिखा है कि कई धार्मिक कारणों से मांस पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है तो हम अल्पसंख्यकों को भी कहने का हक है।
फैसल कहते हैं, 'मुझे अंदाजा नहीं था कि लोग इतनी प्रतिक्रिया देंगे। कुछ लोगों ने समर्थन किया है लेकिन कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि क्या बेवकूफी है। मैं इनमें से किसी का जवाब नहीं दे रहा हूं।'
फैसल को देश में बढ़ते बैन कल्चर से आपत्ति है। वो बताते हैं कि जब बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडियाज डॉटर' पर प्रतिबंध लगा था, तो उन्होंने इसके खिलाफ एक पैरोडी फिल्म भी बनाई थी 'इंडियाज मदर्स'।
फैसल पेशे से पत्रकार हैं और फ़िल्में भी बनाते हैं।