पांच साल बाद फिर तेज हुई हथियारों की खरीद-फरोख्त
उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल हमलों के खतरे में जीने वाले दक्षिण कोरिया ने अपने हथियार उत्पादन में वृद्धि की है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2010 के बाद 2016 में हथियारों की खरीद में इजाफा देखने को मिला है। सीपरी ने दुनिया की सौ सबसे बड़ी हथियार निर्माता कंपनियों के आंकड़ों का अध्ययन किया। इसमें सामने आया कि 2016 में कुल 374 अरब डॉलर के हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों की बिक्री हुई। यह राशि 2015 के मुकाबले तकरीबन दो फीसद ज्यादा है। सबसे ज्यादा हथियार अमेरिकी कंपनियों ने बेचे। जापान की हथियार बिक्री में 6.4 फीसद की गिरावट हुई। हथियार बिक्री से हुई कुल कमाई में भारत की हिस्सेदारी 1.6 फीसद रही।
अमेरिका सबसे आगे
सभी हथियार निर्माता कंपनियों में से अमेरिकी कंपनियों ने सर्वाधिक 217.2 अरब डॉलर (57.9 फीसद) की कमाई की। यह आंकड़ा 2015 के मुकाबले 4 फीसद अधिक रहा। अमेरिका स्थित दुनिया की सबसे बड़ी हथियार निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने ब्रिटेन, इटली, नॉर्वे जैसे देशों को अपना नया एफ-35 लड़ाकू विमान बेचकर भारी मुनाफा कमाया।
यूरोप में मिला-जुला असर
फ्रांस और इटली जैसे अमीर देशों की कंपनियों ने कम हथियार बेचे, जबकि जर्मनी व ब्रिटेन की कंपनियों ने ब्रेक्जिट के बावजूद हथियार बिक्री में वृद्धि की। जर्मनी की टैंक निर्माता कंपनी क्रॉस-माफेई और सैन्य वाहन निर्माता रीनमेटल ने यूरोप, मध्य एशिया और दक्षिण- पूर्वी एशिया में बड़ी संख्या में सप्लाई की।
द. कोरिया ने बढ़ाया उत्पादन
उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल हमलों के खतरे में जीने वाले दक्षिण कोरिया ने अपने हथियार उत्पादन में वृद्धि की है। कुल हथियार बिक्री में द. कोरिया की हिस्सेदारी 2.2 फीसद है। कुल बिक्री में दक्षिण कोरियाई कंपनियों की हिस्सेदारी 8.4 अरब डॉलर रही। 2015 के मुकाबले इसमें 20.6 फीसद इजाफा हुआ, जो कि अन्य सभी देशों में सबसे ज्यादा है।
हथियारों की बिक्री
1.9%
2015 के मुकाबले हथियार बिक्री में हुई वृद्धि
374.8 अरब डॉलर
2016 में सौ सबसे बड़े हथियार निर्माताओं की कमाई
चीन का जिक्र नहीं
रिपोर्ट में चीन के हथियार उद्योग का आंकड़ा मौजूद नहीं है। सीपरी के शोधकर्ताओं को चीन के हथियार उद्योग का विश्वसनीय आंकड़ा नहीं मिला। इसके बावजूद सीपरी को उम्मीद है कि चीनी कंपनियां शीर्ष 20 हथियार निर्माता कंपनियों में शामिल हैं।
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