विवादों को निपटाने के लिए समझौते की वकालत: मुख्य न्यायाधीश
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने समझौते की संस्कृति के प्रति विश्वास विकसित करने की वकालत की है।
मुंबई, प्रेट्र। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने समझौते की संस्कृति के प्रति विश्वास विकसित करने की वकालत की है। उन्होंने बांबे हाई कोर्ट में वैकल्पिक विवाद निस्तारण केंद्र (एडीआर) के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही। महात्मा गांधी का संदर्भ देते हुए सीजीआइ ने मुकदमा करने के बजाय समझौते से विवाद को निपटाने पर जोर दिया। इस मौके पर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी मौजूद थे।
जस्टिस मिश्रा ने कहा, 'महात्मा गांधी और अब्राहम लिंकन जैसे महान नेताओं ने समझौते की संस्कृति का समर्थन और वकालत की थी। वे दोनों पहले वकील थे। उन्होंने लोगों को कोर्ट जाने के बजाय आपसी रजामंदी से विवादों को निपटाने की सलाह दी थी। सभी को समझौते और सुलह की संस्कृति पर भरोसा करना चाहिए। साथ ही पंचाट या मध्यस्थता कम खर्चीला, त्वरित और निष्पक्ष होना चाहिए। मध्यस्थों को संबंधित पक्षों के प्रति बेहतर रवैया, गंभीरता और सम्मान प्रदर्शित करना चाहिए।'
सीएम फड़नवीस ने इस मौके पर कहा कि एडीआर से आम लोगों को फायदा होगा। उन्होंने हाई कोर्ट के नए भवन के लिए मुंबई के उपनगरीय इलाके में जगह चिह्नित करने की भी जानकारी दी। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एके सीकरी भी मौजूद थे। सीजीआइ ने इससे पहले मुंबई सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के वार्षिक सम्मेलन को भी संबोधित किया।
कानूनी शिक्षा प्रणाली पर फिर से हो विचार
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस जे चेलमेश्वर ने मौजूदा कानूनी शिक्षा प्रणाली पर फिर से विचार करने पर जोर दिया है। उन्होंने शनिवार को हैदराबाद में आइसीएफएआइ लॉ स्कूल द्वारा आयोजित एक सेमिनार में यह बात कही। उनका कहना था कि मौजूदा शिक्षा व्यवस्था को वर्तमान चुनौतियों से निपटने में सक्षम होना चाहिए।