ऑनलाइन डाटाबेस के उद्देश्य से एजेंटों का आधार नंबर जुटाएंगी बीमा कंपनियां
ऑनलाइन डेटाबेस तैयार करने के मकसद से इरडा ने बीमा कंपनियों को एजेंटों का आधार नंबर जमा कराने को कहा है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। बीमा नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों से अपने एजेंटों का आधार नंबर जमा कराने को कहा है। इसका मकसद ऑनलाइन डाटाबेस बनाना है ताकि दोहराव को खत्म किया जा सके। इस डाटाबेस का जिम्मा इंश्योरेंस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (आइआइबी) के पास होगा।
इरडा ने कहा कि आइआइबी को पॉइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) की तर्ज पर आधार संख्या और बीमा एजेंटों के अन्य विवरण को अपलोड करने के लिए पोर्टल विकसित करने के लिए कहा गया है। यह पोर्टल बीमा मध्यस्थों के लिए भी उपलब्ध होगा। बीमा मध्यस्थों को भी प्रशिक्षित और पात्र व्यक्तियों के आधार नंबर और अन्य विवरण जुटाने के लिए कहा गया है।
नियामक ने कहा कि पीओएस गाइडलाइंस जारी करने के साथ ही डाटाबेस तैयार करने का काम शुरू हो गया था। इसका मकसद बीमा कंपनियों और बीमा मध्यस्थों की ओर से नामांकित पीओएस के दोहराव को समाप्त करना था। विशिष्ट पहचान क्षेत्र के तौर पर इसके लिए आधार संख्या को लिया गया था। इसी तर्क को आगे बढ़ाते हुए बीमा एजेंटों और बीमा मध्यस्थों के प्रशिक्षित व पात्र व्यक्तियों को इसके दायरे में लाया जाएगा। उनके आधार नंबर भी लिए जाएंगे।
आइआइबी की स्थापना इरडा ने 2009 में की थी। बीमा उद्योग को सेक्टर-लेवल डाटा मुहैया कराने के मकसद से इसका गठन किया गया था। इसके डाटा का इस्तेमाल प्राइसिंग और व्यापार रणनीति बनाने सहित वैज्ञानिक निर्णय लेने में उद्योग को मदद करता है।
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