मोदी जी, हिरण मारने की अनुमति दीजिए, ताकि बेटे का उपनयन संस्कार कर सकूं
शहडोल के एक युवक ने पीएम को पत्र लिखा कि हिरण मारने की अनुमति दी जाए ताकि उसकी खाल से क्षत्रिय धर्म की रीति-नीति के अनुरूप बेटे का उपनयन संस्कार किया जा सके।
भोपाल(ब्यूरो)। मध्य प्रदेश के शहडोल के एक युवक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर अजीबो-गरीब मांग कर दी है। युवक ने लिखा है कि हिरण मारने की अनुमति दी जाए ताकि उसकी खाल से क्षत्रिय धर्म की रीति-नीति के अनुरूप बेटे का उपनयन संस्कार किया जा सके।
प्रधानमंत्री कार्यालय से इस शिकायत के निराकरण के लिए एक पत्र प्रदेश के मुख्य सचिव अंटोनी डिसा को भेजा गया। इसके बाद वन विभाग के माध्यम से उस युवक को जवाब भेजा गया कि यह न केवल अव्यवहारिक है, बल्कि वन्य प्राणी अधिनियम के तहत विधि सम्मत भी नहीं है। इसलिए ऐसी कोई अनुमति आपको नहीं दी जा सकती। शहडोल के दिलीप सिंह चेलानी का कहना है कि इसके लिए वषर्ष 2009 से लड़ाई लड़ रहा हूं। कलेक्टर से लेकर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक शिकायत कर चुका हूं लेकिन कहीं से सही जवाब नहीं दिया जा रहा है।
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पहले भतीजे के उपनयन संस्कार के लिए मृगछाल मांगी गई लेकिन अधिकारी मामले को टालते रहे। अब बेटे के संस्कार के लिए मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक को चिट्ठी लिखी लेकिन यहां से भी निराशा हाथ लगी। वन विभाग ने जरूर एक पत्र के माध्यम से जवाब भेजा कि विधि के मुताबिक इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। चेलानी का कहना है कि यदि सरकार ऐसा करने की अनुमति नहीं दे रही है, इसका मतलब है कि अनुच्छेद 25 के तहत देश में धार्मिक आजादी नहीं है।
क्षत्रिय धर्म में मृग छाल से संस्कार का है प्रावधान
क्षत्रिय धर्म में बालक-बालिका के जन्म के बाद उनका उपनयन संस्कार कराया जाता है। इसमें मृग (हिरण) चर्म अपने गुरू को सौंपना होता है। इसके लिए वन विभाग को आवेदन कर उसकी अनुमति ली जाती है। इसके बाद हिरण का शिकार कर उसकी खाल निकलवाई जाती है। इसे गुरू के माध्यम से मंत्रोच्चारण कर पवित्र कराया जाता है। बच्चे को यह पहनाया जाता है। यह संस्कार विधि विधान से कराया जाता है।
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