एक मदरसा, जहां बड़ी संख्या में पढ़ते हैं हिंदू छात्र
सिद्धार्थनगर का एक मदरसा ऐसा है, जो अपने अभिनव प्रयोग के कारण हिंदू छात्रों में भी खासा लोकप्रिय है। इस मदरसे में मुस्लिम छात्रों के साथ हिंदू छात्र भी बड़ी संख्या में उर्दू पढ़ रहे हैं।
सिद्धार्थनगर (ब्युरो)। एक तरफ जहां संस्कृत और उर्दू पढ़ने को लेकर सरकार व संस्थाएं लोगों को जागरूक करने में लगी हैं, वहीं सिद्धार्थनगर का एक मदरसा ऐसा है, जो अपने अभिनव प्रयोग के कारण हिंदू छात्रों में भी खासा लोकप्रिय है। सदर विकास खंड के मैनहवा स्थित इस मदरसे में मुस्लिम छात्रों के साथ हिंदू छात्र भी बड़ी संख्या में उर्दू पढ़ रहे हैं। यहां बच्चों को उर्दू व फारसी के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित व विज्ञान आदि विषयों की तालीम भी दी जा रही है।
मदरसे का नाम जेहन में आते ही आम जन के मानस पटल पर जो तस्वीर उभरती है, वह उर्दू-अरबी की पढ़ाई व दीन-ए-इस्लाम की तालीम से जुड़ी होती है। हालांकि तमाम प्रगतिशील मुसलमानों का मानना है कि कौम की तरक्की और खुशहाली के लिए दीन के साथ ही दुनियावी तालीम भी जरूरी है। तमाम मदरसों ने तो इस दिशा में पहल भी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में जिले के इस मदरसे में उर्दू व अरबी सहित दीनी तालीम की रोशनी लुटाने के लिए दो मौलाना व दुनियावी तालीम देने के लिए तीन अन्य अध्यापकों की तैनाती है।
मदरसे के सदर मौ. मुश्ताक अहमद फैजी खुद भी यहां के बच्चों से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। वह खुद ही बच्चों को पढ़ाने में जुटे रहते हैं। यह उनके लगन की ही देन है जो यहां धीरे-धीरे गैर मस्लिम छात्रों की तादाद में इजाफा हो रहा है। मदरसे में कुल करीब 174 छात्र-छात्राएं हैं, जिसमें करीब 20 फीसद हिंदू छात्र हैं। कुछ तो ऐसे भी हिंदू छात्र हैं, जो अन्य विषयों के साथ उर्दू भी सीख रहे हैं। कक्षा एक से आठ तक संचालित होने वाले इस मदरसे में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी तरह निश्शुल्क है।
-दीन-ए-इस्लाम के साथ बांटते हैं अमन का पैगाम
-मदरसे में 174 छात्र-छात्राएं जिनमें 20 फीसद हिंद
-शैलेश उपाध्याय
यह भी पढ़ें : मिसाल : हिंदू और सिखों ने बनाई मस्जिद, मुस्लिम भाइयों को दिया तोहफा