आंध्र प्रदेश में 31,576 करोड़ के निवेश के लिए 77 समझौते
उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत में इंट्रा-रीजनल कारोबार को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय वैल्यू चेन अपनाना फायदेमंद होगा।
विशाखापतनम, प्रेट्र। आंध्र प्रदेश सरकार ने सीआइआइ पार्टनरशिप समिट के पहले दिन शनिवार को अडानी, ग्रासिम और एस्सेल ग्रुप समेत कई अन्य कंपनियों के साथ 77 करार किए। इनके तहत ये कंपनियां प्रदेश में 31,576 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इस निवेश के जरिये राज्य में करीब 98,290 लोगों को रोजगार मिलेगा।
उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत में इंट्रा-रीजनल कारोबार को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय वैल्यू चेन अपनाना फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि हालांकि भारत ने क्षेत्रीय और द्विपक्षीय, दोनों तरह के कारोबारी करार किए हैं। लेकिन क्षेत्रीय कारोबारी करारों का पूरा फायदा उठाने के लिए इनमें तारतम्यता की जरूरत है।
अडानी ग्रुप ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का करार किया है। इसके तहत ग्रुप अगले पांच वर्षो में भावनापाडु में ग्रीनफील्ड पोर्ट समेत कई अन्य परियोजनाएं विकसित करेगा। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने शनिवार को सीआइआइ द्वारा आयोजित पार्टनरशिप समिट के दौरान कहा कि ग्रुप एक मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क भी स्थापित करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश सोलर पावर व बैटरी टेक्नोलॉजी के उत्पादन हब के रूप में भी तेजी से विकसित हो रहा है। पोर्ट के बारे में अडानी ने कहा, 'हम आंध्र प्रदेश में 1,000 मेगावाट सौर व पवन ऊर्जा उत्पादन की योजना बना रहे हैं। भारत के सबसे बड़े पोर्ट ऑपरेटर के रूप में मेरा वादा है कि हम भावनापाडु को देश के सबसे बड़े और उन्नत पोर्ट्स में एक बनाएंगे।' गौरतलब है कि अडानी ग्रुप की कंपनी इस वक्त देश की सबसे बड़ा नवीन ऊर्जा उत्पादक कंपनी है।
दूसरी तरफ, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)-स्थित लुलु ग्रुप विशाखापतनम में 2,000 करोड़ रुपये की लागत से एक इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर स्थापित करेगा। शनिवार को एम. वेंकैया नायडू ने सीआइआइ पार्टनरशिप समिट के उद्घाटन समारोह के दौरान इसकी आधारशिला रखी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु व अशोक गजपति राजू और लुलु ग्रुप के चेयरमैन एम. ए. आसिफ भी मौके पर मौजूद थे।