75 फीसद ग्रामीण परिवारों का 5 हजार से कम में गुजर
बारह पंचवर्षीय योजनाओं में लाखों करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी ग्रामीण घनघोर गरीबी में जीने को मजबूर हैं। हालत यह है कि ग्रामीण भारत के 75 फीसद परिवार यानि 13.34 करोड़ परिवार की कुल मासिक आय भी पांच हजार रुपये से भी कम है।
नीलू रंजन। बारह पंचवर्षीय योजनाओं में लाखों करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी ग्रामीण घनघोर गरीबी में जीने को मजबूर हैं। हालत यह है कि ग्रामीण भारत के 75 फीसद परिवार यानि 13.34 करोड़ परिवार की कुल मासिक आय भी पांच हजार रुपये से भी कम है।
गांवों में दस हजार रुपये महीने से अधिक की आमदनी वाले परिवार लगभग आठ फीसद ही हैं। सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना के ताजा आंकड़ों ने ग्रामीण विकास के लिए दशकों से चलाई जा रही सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की पोल भी खोल दी है।
गुरुवार को जारी सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना रिपोर्ट-2011 के अनुसार देश में कुल 24.39 करोड़ परिवार हैं जिसमें से ग्रामीण भारत में 17.91 परिवार आते हैं। इसमें से तीन-चौथाई ग्रामीण परिवार आज भी 5000 रुपये प्रति महीना से भी कम पर गुजारा करने को मजबूर हैं। गरीबी की सबसे अधिक मार पूर्वी भारत के बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले झेल रहे हैं। यहां 78 फीसद परिवारों की मासिक आमदनी 5000 रुपये से कम है।
खनिज संपदा से संपन्न छत्तीसगढ़ में केवल छह फीसदी ग्रामीण परिवारों की आमदनी 5000 से 10000 रुपये प्रति महीना के बीच है। वहीं 10000 रुपये महीना वाले परिवार तीन फीसद से थोड़ा ही ज्यादा है।
सिंचाई में बेहतर सुविधाओं वाले उत्तरी भारत के ग्रामीण इलाकों की स्थिति कुछ बेहतर है। यहां 5000 से कम मासिक आमदनी वाले परिवार लगभग 60 फीसद हैं। इसी तरह सीधे केंद्र सरकार के नियंत्रण में आने वाले दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान, पुड्डूचेरी, लक्ष्यद्वीप और दादर नगर हवेली के ग्रामीण इलाके तुलनात्मक रूप से ज्यादा खुशहाल कहे जा सकते हैं। वैसे यहां भी 35 फीसद परिवार ऐसे हैं, जो 5000 रुपये से कम की मासिक आमदनी पर गुजारा करते हैं।
अपेक्षाकृत संपन्न माने वाले दक्षिण के राज्यों के ग्रामीण इलाकों की स्थिति भी बाकी देश से बेहतर नहीं कहा जा सकता है। यहां के ग्रामीण इलाकों में 75 फीसद से अधिक आबादी का 5000 रुपये मासिक से कम पर गुजारा करना होता है। पूर्वोत्तर भारत के भी ग्रामीण इलाकों में औसतन 76 फीसद परिवार ऐसी श्रेणी में आते हैं।
राज्य, पांच हजार प्रति माह से कम पर गुजारा करने वाले परिवार (फीसद में)
ओडिशा - 88
पश्चिम बंगाल - 82
झारखंड - 77
बिहार - 70
छत्तीसगढ़ -91
उत्तर प्रदेश -72
मध्य प्रदेश -84
उत्तराखंड -60
पंजाब -58
हरियाणा -59
जम्मू-कश्मीर -67
हिमाचल प्रदेश -53