उप्र की कुल विवाहित जनसंख्या का 71 फीसद हिस्सा नाबालिग
उत्तर प्रदेश में कुल विवाहितों का 71 फीसद हिस्सा नाबालिग लड़कियों का है और रोचक बात यह है कि विवाह को अंजाम देने वालों को पता भी नहीं कि बाल विवाह दंडनीय अपराध है।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में विवाहित लड़कियों की उम्र 10 से 19 साल के बीच है जो राज्य के कुल विवाहितों का 71 फीसद हिस्सा है।
एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव्स (AALI) के रिसर्च 2015, से लखनऊ में यह मुद्दा उठाया गया और उत्तर प्रदेश में बाल विवाह के रोक और कार्रवाई पर वार्ता आयोजित की गयी।
डा. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में आयोजित इस वार्ता में वाइस चांसलर, गुरदीप सिंह ने बताया कि इसकी जड़ में मुख्य भूमिका निभाने वाले लोगों को तो पता तक नहीं है कि बाल विवाह दंडनीय अपराध है।
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शिक्षा की भूमिका और सामाजिक व संवेदनशीता की जरूरत के मुद्दे पर राज्य महिला सम्मान प्रकोष्ठ की डीजी, सुतापा सान्याल ने बताया, ‘जहां शिक्षा की प्रतिशतता अधिक है वहां जन्म दर कम है। हमें पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण को बदलने के साथ तुरंत कार्रवाई करना चाहए।‘
AALI की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रेणु मिश्रा ने राज्य से प्राप्त होने वाले आंकड़े को खतरनाक बताते हुए कहा, ‘बालविवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 साल से कम आयु की लड़की और 21 साल से कम आयु के लड़के की शादी अवैध है। यह 100,000 रुपये के जुर्माने या दो साल की कैद के साथ एक गैर संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है।
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UPSCPCR की चेयरपर्सन, जूही सिंह ने बताया, ‘बच्चे वोट बैंक नहीं है, फिर भी राजनीतिक पार्टियां इस मामले से अवगत हैं और इन बच्चों के लिए काम करना चाहती हैं। हम इसके लिए खाका तैयार कर रहे हैं।‘