पिछले साल भारतीय सड़क दुर्घटना में हर दिन 410 लोगों की हुई मौत
2015 में 400 लोगों के प्रतिदिन मौतों की तुलना में पिछले साल 2016 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 410 लोगों की प्रतिदिन मौत का आंकड़ा दर्ज किया गया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत में हर वर्ष सड़क दुर्घटना में मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। 2015 में 400 लोगों के प्रतिदिन मौतों की तुलना में पिछले साल 2016 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 410 लोगों की प्रतिदिन मौत का आंकड़ा दर्ज किया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक 1.5 लाख लोग 2016 में सड़क दुर्घटना में मारे गए जबकि तुलनात्मक रुप से 2015 में ये आंकड़ा 1.46 लाख था।
मालूम हो कि भारत में सबसे ज्यादा मौतें सड़क दुर्घटना में होती हैं। मिजोरम, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, दमन और दीव, दादरा और नागर हवेली और दूसरे राज्यों ने केंद्र और सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष सड़क सुरक्षा पर अपने आंकड़े पेश किये हैं जिनसे ये बातें निकल कर सामने आई।
संबंधित अधिकारी ने बताया कि सड़क दुर्घटना का अस्थायी डेटा हालांकि चिंता का विषय है, हम मौतों और घायलों की संख्या को स्थिर करने और संभवत कम करने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने घोषणा की है कि वह अगले तीन वर्षों में मृत्यु दर को 50 फीसद कम करने की कोशिश करेगी।
उल्लेखनीय है कि साल 2016 में, दिल्ली सहित नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, बिहार के साथ होने वाली मौतों में गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन यूपी, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित छह राज्यों में हुए मौतों के आंकड़े को देखा जाए तो इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ये आंकड़े 1970 के बाद से अभी तक के सभी बड़े आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है। 1970 से, 2012 और 2013 को छोड़कर सड़क दुर्घटना की मौतें लगातार बढ़ रही हैं। अपर्याप्त कानून, खराब प्रवर्तन और 'दुर्घटनाएं सामान्य है' की अवधारणा इन सबके पीछे का मुख्य कारण है।
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के अध्यक्ष के के कपिला ने कहा, "सुरक्षित सड़कों, सुरक्षित यूजर्स, सुरक्षित वाहनों, लागू कानूनों और ट्रैफिक कानून के हर उल्लंघन के लिए पकड़े जाने का डर है, इन सबके लिए पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का होना अनिवार्य है।
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