41 स्कूलों को लौटानी होगी अतिरिक्त फीस
छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से बढ़ाई गई फीस के मामले में जांच कर रही जस्टिस अनिल देव सिंह कमेटी ने शुक्रवार को अपनी छठी रिपोर्ट हाई कोर्ट में दायर कर दी है। कमेटी ने 41 स्कूलों को बढ़ी हुई फीस लौटाने के लिए सरकार से अनुशंसा की है। न्यायमूर्ति बी.डी. अहमद व न्यायमूर्ति सिद्धाथ
नई दिल्ली। छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से बढ़ाई गई फीस के मामले में जांच कर रही जस्टिस अनिल देव सिंह कमेटी ने शुक्रवार को अपनी छठी रिपोर्ट हाई कोर्ट में दायर कर दी है। कमेटी ने 41 स्कूलों को बढ़ी हुई फीस लौटाने के लिए सरकार से अनुशंसा की है। न्यायमूर्ति बी.डी. अहमद व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ अब इस मामले में 28 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
कमेटी ने बताया कि इस रिपोर्ट में 81 स्कूलों के खातों की जांच की गई है। जिसमें पाया गया कि 41 स्कूलों ने गलत तरीके से फीस बढ़ाई थी। इसलिए उन्हें यह फीस वापस अभिभावकों को देनी चाहिए। कमेटी ने 19 स्कूलों के मामले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है, उनके खाते सही पाए गए हैं। कमेटी ने बताया कि सात स्कूलों के मामले में वह कोई निर्णय नहीं कर पा रही है। वहीं 14 स्कूलों के रिकार्ड विश्वसनीय नहीं मिले हैं, इसलिए शिक्षा निदेशालय को उनका निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस में वृद्धि करने पर कुछ अभिभावकों ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के सभी स्कूलों के खातों की जांच कर मामले की तह तक जाने के लिए जस्टिस अनिल देव कमेटी का गठन किया था। कमेटी को निर्देश दिया गया था कि छठे वेतन आयोग के चलते जिन निजी स्कूलों ने फीस बढ़ाई है, उनके खातों की जांच की जाए। यदि किसी स्कूल ने गलत तरीके से फीस बढ़ाई है तो उसे फीस वापस करनी होगी।
इससे पूर्व कमेटी 300 से ज्यादा नामचीन स्कूलों को फीस वापस लौटाने के लिए सरकार से अनुशंसा कर चुकी है। कमेटी पांच रिपोर्ट के माध्यम से करीब एक हजार स्कूलों के खातों की जांच कर चुकी है।