खराब प्रदर्शन के कारण 381 नौकरशाह हुए दंडित
कार्मिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने सिविल सेवा के 381 अधिकारियों के खिलाफ समय से पहले सेवानिवृत्ति या वेतन सुविधा में कटौती की नीति अपनाई गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : सरकारी कर्मचारियों को कर्तव्य के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए मोदी सरकार का सुशासन मंत्र सिर्फ नारे तक ही नहीं सिमटा है। इसके तहत प्रदर्शन करो या दंड पाओ की नीति का पालन करते हुए अधिकारियों का मूल्यांकन किया जा रहा है।
कार्मिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने सिविल सेवा के 381 अधिकारियों के खिलाफ समय से पहले सेवानिवृत्ति या वेतन सुविधा में कटौती की नीति अपनाई गई है। इन अधिकारियों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 24 अधिकारी भी शामिल हैं। इन अधिकारियों को प्रदर्शन सही नहीं पाए जाने और कथित रूप से गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त रहने के कारण दंड दिया गया है।
इस कदम को 'तीन साल के अनवरत मानव संसाधन प्रयास : नवीन भारत की आधारशिला' शीर्षक पुस्तिका में विस्तार से बताया गया है। हाल ही में प्रधानमंत्री के सामने इसे प्रदर्शित किया गया है। पुस्तिका में कहा गया है, 'नौकरशाही में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने निष्ठा और प्रदर्शन नाम के दो स्तंभ निर्धारित किए हैं। इसी में सुशासन निहित है।'
पुस्तिका में यह भी बताया गया है कि विदेश में तैनात अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है। ऐसे अधिकारियों में स्वीकृत कार्यकाल से ज्यादा समय तक बने रहने वाले अधिकारी शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा कि इन कठोर कदमों का दूरगामी संदेश गया है। इससे नौकरशाही में अनुशासन और जवाबदेही का बोध पैदा होने के साथ ही कर्मचारियों में काम के प्रति सकारात्मक संदेश गया है।
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