आंध्र में 45 यात्री बस में जिंदा जले
दीपावली मनाने घर जा रहे 45 लोगों के लिए बेंगलूर से हैदराबाद की यात्रा आखिरी सफर साबित हुई। चालक और परिचालक के अलावा पांच यात्री किसी तरह निकलने में कामयाब रहे और उनकी जान बच गई। सुबह तकरीबन सवा पांच बजे आंध्र प्रदेश के महबूबनगर जिले के पालेम में तेज रफ्तार वातानुकूलित वोल्वो बस के एक पुलिया में टकराने से उसका ईधन टैंक (डीजल) फट गया, जिससे पूरी बस देखते ही देखते राख में तब्दील हो गई। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
महबूबनगर। दीपावली मनाने घर जा रहे 45 लोगों के लिए बेंगलूर से हैदराबाद की यात्रा आखिरी सफर साबित हुई। चालक और परिचालक के अलावा पांच यात्री किसी तरह निकलने में कामयाब रहे और उनकी जान बच गई। सुबह तकरीबन सवा पांच बजे आंध्र प्रदेश के महबूबनगर जिले के पालेम में तेज रफ्तार वातानुकूलित वोल्वो बस के एक पुलिया में टकराने से उसका ईधन टैंक (डीजल) फट गया, जिससे पूरी बस देखते ही देखते राख में तब्दील हो गई। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
तस्वीरों में देखें यह दर्दनाक हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एनएच 44 से गुजर रही बस महज आधे घंटे में राख में तब्दील हो गई। बस में चालक दल के सदस्य समेत कुल 52 लोग सवार थे। बचने वाले सात भाग्यशाली लोगों में उत्तर प्रदेश के जय सिंह भी हैं। झुलस चुके इन लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस के मुताबिक ड्राइवर फिरोज खान और क्लीनर अय्याज से पूछताछ की जा रही है।
हैदराबाद क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक वी नवीन चंद के मुताबिक हादसे में मारे गए सभी 45 शवों को बाहर निकाल लिया गया है। महबूबनगर के कलेक्टर गिरिजा शंकर और पुलिस अधीक्षक डी. नागेंद्र कुमार ने बताया कि शव इस कदर जल गए हैं कि उनकी पहचान डीएनए जांच से ही संभव है।
जानकारी के मुताबिक बस मंगलवार रात 11 बजे बेंगलूर से हैदराबाद के लिए रवाना हुई थी। आंध्र प्रदेश के परिवहन मंत्री बोत्सा सत्यनारायण के मुताबिक जब्बार ट्रैवल्स की ओर से अनुबंधित इस बस का पंजीकरण अनंतपुर जिले के दिवाकर रोड लाइंस के नाम पर है। जब्बार ट्रैवल्स ने इस बस को लीज पर लिया था। प्रारंभिक जांच के मुताबिक दुर्घटना तेज रफ्तार के कारण हुई है। पुलिस ने 33 यात्रियों की सूची मिलने की बात कही है, अन्य यात्रियों के बाद में चढ़ने का अनुमान है। कर्नाटक के परिवहन आयुक्त के अनुसार बस का फिटनेस सर्टिफिकेट 6 अक्टूबर, 2014 तक का था।
हादसे में बचे एक यात्री ने बताया कि हादसे के वक्त सभी सो रहे थे। हम लोगों ने बस के कांच तोड़ कर बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। उसने आपातकालीन गेट से किसी तरह बाहर कूद कर जान बचाई। पीड़ितों में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के होने की भी खबर है। हादसे का शिकार हुए विशाखापटनम जिला निवासी ए. रवि (27) हैदराबाद स्थित एसेंचर कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर नियुक्त होने जा रहे थे, लेकिन उनका सपना अधूरा रह गया। इंफो टेक्नोलोजीज में कार्यरत रुहिया की भी इस दुर्घटना में मौत हो गई। पीड़ितों के परिजनों का आरोप है कि उन्हें जब्बार ट्रैवल्स सही सूचना नहीं दे रहा है।
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